साहित्य परिवर्तन की अहिंसक प्रक्रिया है: विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

प्रकृति ने सबको कुछ न कुछ विशेष दिया है और लेखकों को तीन योग्यताएं संवेदनशीलता परकाया प्रवेश और अभिव्यक्ति की विशेष क्षमता प्रदान की है। इन्हीं विशेष योग्यताओं के कारण वह स्व से अन्य को जोड़ता है और दूसरे की वेदना का प्रवक्ता बन जाता है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 06:45 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 07:27 AM (IST)
साहित्य परिवर्तन की अहिंसक प्रक्रिया है: विश्वनाथ प्रसाद तिवारी
साहित्य अकादमी पुरस्कार 2020 का हुआ आयोजन।

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। साहित्य अकादमी द्वारा शनिवार को साहित्य अकादमी पुरस्कार-2020 प्रदान किए गए। कमानी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात कवि और साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित सदस्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने कहा कि साहित्य परिवर्तन की अहिंसक प्रक्रिया है। प्रकृति ने सबको कुछ न कुछ विशेष दिया है और लेखकों को तीन योग्यताएं संवेदनशीलता, परकाया प्रवेश और अभिव्यक्ति की विशेष क्षमता प्रदान की है। इन्हीं विशेष योग्यताओं के कारण वह स्व से अन्य को जोड़ता है और दूसरे की वेदना का प्रवक्ता बन जाता है। लेखक यह अपना धर्म समझकर करता है। इतनी शक्तियां जब प्रकृति ने दी हैं तो लेखक को कुछ विशेष करना चाहिए। उन्होंने सभी को अपनी मातृभाषा को बचाने और चिंता करने की जरूरत पर भी जोर दिया।

साहित्य अकादमी के अध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार ने कहा कि जब यह पुरस्कार दिया जा रहा है तब आप हमारे भारत की हर भाषा के श्रेष्ठ साहित्य लिखने वाले लेखकों को यहां देख सकते हैं। यह भारत की बहुभाषिक, बहुसांस्कृतिक प्रतिभा का सम्मान है। साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा कि साहित्यकार सामान्य जन की पीड़ा का प्रवक्ता होता है। यह सम्मान ऐसे ही साहित्यकारों का है। साहित्य अकादमी पैसा नहीं प्रतिष्ठा देती है। साहित्य अकादमी के सचिव डा. के श्रीनिवास राव ने कहा कि भारत एक है भले ही अनेक भाषाओं में बोलता है। पंजाबी और बंगाली के विजेता पुरस्कार लेने नहीं आ पाए और बोडो, कश्मीरी तथा मलयालम के विजेताओं के परिजनों ने पुरस्कार ग्रहण किए।

अनुवाद पुरस्कारों की भी हुई घोषणा

साहित्य अकादमी द्वारा शनिवार को 2020 के अनुवाद पुरस्कारों की घोषणा भी की गई। अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में 24 पुस्तकों को साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार 2020 के लिए अनुमोदित किया गया। पुरस्कार के रूप में 50 हजार रुपये की राशि और उत्कीर्ण ताम्रफलक इन पुस्तकों के अनुवादकों को इसी वर्ष आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किए जाएंगे।

इन लेखकों को किया गया सम्मानित

लेखक का नाम भाषा अनामिका हिंदी हुसैन-उल-हक़ उर्दू महेशचंद्र शर्मा गौतम संस्कृत अरुंधति सुब्रमण्यम अंग्रेज़ी अपूर्व कुमार शइकीया असमिया शंकर बांग्ला स्व. धरणीधर औवारि बोडो हरीश मीनाश्रु गुजराती एम वीरप्पा मोइली कन्नड़ स्व. हृदय कौल भारती कश्मीरी आरएस भास्कर कोंकणी कमलकांत झा मैथिली ओमचेरी एन.एन. पिल्लई मलयालम इरुंगबम देवेन सिंह मणिपुरी शंकर देव ढकाल नेपाली यशोधरा मिश्रा ओड़िआ गुरदेव सिंह रूपाणा पंजाबी भंवरसिंह सामौर राजस्थानी रूपचंद हांसदा संथाली जेठो लालवाणी सिंधी इमाइयम तमिल निखिलेश्वर तेलुगु

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