दिल्ली भाजपा को संघ की सलाह, खत्म हो गया है निधि समर्पण अभियान; अब न काटे पर्ची

अभियान में लगे 40 लाख से अधिक स्वयंसेवकों ने पांच लाख से अधिक गांवों के तकरीबन 11 करोड़ से अधिक परिवार तक पहुंचे। यह अभियान 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चला।संपन्न होने के बाद एक हफ्ते का समय स्वयंसेवकों को बची रसीदें और पर्चियां जमा करने को कहा है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 05:34 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 05:34 PM (IST)
दिल्ली भाजपा को संघ की सलाह, खत्म हो गया है निधि समर्पण अभियान; अब न काटे पर्ची
विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अभियान संपन्न हो चुका है।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। अयोध्या में भव्य राममंदिर बनाने को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा निधि समर्पण अभियान चलाया गया। इस अभियान में करोड़ों लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। अभियान में लगे 40 लाख से अधिक स्वयंसेवकों ने पांच लाख से अधिक गांवों के तकरीबन 11 करोड़ से अधिक परिवार तक पहुंचे। यह अभियान 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चला। अभियान के संपन्न होने के बाद एक हफ्ते का समय स्वयंसेवकों को बची रसीदें और पर्चियां जमा करने को कहा है। पर विहिप को देखने में आ रहा है कि भाजपा पदाधिकारियों द्वारा पर्चिया अब भी काटी जा रही है। इससे विहिप असहज स्थिति मेें है। इस कारण उसने भाजपा नेताओं को यह न करने की सलाह दी है।

अभियान खत्म अब सीधे ट्रस्ट के बैंक में डाले पैसे

विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अभियान संपन्न हो चुका है। वह समझते हैं कि अब पर्ची या रसीद नहीं काटी जानी चाहिए। अब जो समर्पण करना चाहते हैं वह सीधे मंदिर के ट्रस्ट के बैंक खाते में सीधे जमा करें।

संघ अनुशासन के लिए जाना जाता है

बता दें कि उत्तर नगर निगम के महापौर जय प्रकाश व पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल समेत अन्य ने समय निकल जाने के बाद राम जन्मभूमि के लिए पर्चियां काटी है। इसी तरह स्थानीय स्तर पर भी पर्ची काटे जाने के मामले सामने आ रहे हैं। अगर निधि समर्पण अभियान किसी राजनीतिक दल द्वारा चलाया जाता तो ज्यादा नहीं चौकातीं पर निधि समर्पण अभियान का मामला संघ परिवार से जुड़ा है, इसलिए दिल्ली वाले भम्र में है, क्योंकि संघ अनुशासन के लिए जाना जाता है।

तीन तरह की पर्चियों से जमा हुए है पैसे

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि मंदिर के लिए कोई, कभी भी दान कर सकता है। इसके लिए मंदिर ट्रस्ट के तीन बैंक खाते हैं। उसपर अर्पण जमा किया जा सकता है, लेकिन अभियान 44 दिनों का ही था। वह संपन्न हो गया है। हो सकता है किसी के पास पर्चियां बची हो तो वह काट रहे हो, लेकिन यह उचित नहीं है। बची पर्चियों और रसीद को जमा कराया जाना चाहिए। बता दें कि मंदिर अभियान के लिए 10, 100 व 1000 के कूपन तथा उससे ऊपर की राशि के लिए रसीद काटा गया।

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