Delhi Rapid Rail Project: आनंद विहार बस अड्डा परिसर में शुरू हुआ भूमिगत हिस्से का काम, जानिए कितनी गहरी होगी ये सुरंग
तकनीकी तौर इस दीवार को डायफ्राम वाल (डी-वाल) कहा जाता है। यह दीवार सुरंग के लिए मिट्टी खोदते वक्त ढाल का काम करती है। मिट्टी ढहने और पानी की रिसाव जैसे खतरों को टाला जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि इसे बनने में वक्त लगेगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाताा। दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल परियोजना के भूमिगत हिस्से का निर्माण करने के लिए आनंद विहार बस अड्डा परिसर में सुरंग खोदने से पहले सुरक्षा दीवार बनाने का काम रविवार को शुरू कर दिया गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने अधिकारियों ने बताया कि सुरंग बनाने के लिए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) उतारने के लिए लांचिंग शाफ्ट का निर्माण करने के लिए यह दीवार बनाना अहम है। तकनीकी तौर इस दीवार को डायफ्राम वाल (डी-वाल) कहा जाता है। यह दीवार सुरंग के लिए मिट्टी खोदते वक्त ढाल का काम करती है। मिट्टी ढहने और पानी की रिसाव जैसे खतरों को टाला जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि इसे बनने में वक्त लगेगा। सुरंग की खोदाई का कार्य अगले वर्ष शुरू किया जाएगा।
दस मंजिल जितनी गहरी होगी सुरंग
न्यू अशोक नगर से आनंद विहार बस अड्डा होते हुए साहिबाबाद बीईएल तक रैपिड रेल का 5.60 किलोमीटर भूमिगत कारिडोर बनाया जाना है। आनंद विहार बस अड्डा परिसर में स्टेशन भी भूमिगत होगा। यह भूमिगत हिस्सा जमीन के 20 मीटर नीचे बनेगा। सामान्य रूप में इस गहराई को समझा जाए तो खोदाई के बाद नीचे से ऊपर तक करीब दस मंजिला इमारत खड़ी की सकती है। भूमिगत हिस्से की चौड़ाई करीब 6.50 मीटर व्यास की होगी। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि सुरंग बनाने के लिए 20 मीटर लंबी और पांच मीटर सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी। जोकि पूरी तरह कंंक्रीट की होगी। लांचिंग शाफ्ट 20 मीटर लंबी और 16 मीटर चौड़ी बनाई जाएगी।
चार टीबीएम से खोदी जाएगी सुरंग
भूमिगत हिस्से को बनाने के लिए चार टीबीएम की मदद से सुरंग खोदी जाएगी। दो टीबीएम से आनंद विहार बस अड्डे से न्यू अशोक नगर की तरफ करीब तीन किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी। जबकि बाकी दो टीबीएम से आनंद विहार बस अड्डे से साहिबाबाद बीईएल तक सुरंग खोदी जाएगी। भूमिगत हिस्से में वायु संचार के लिए एक एयर वेंटिलेशन शाफ्ट का निर्माण भी किया जाएगा। आपातकालीन स्थिति में भूमिगत स्टेशन से यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए आपातकालीन निकासी सुविधा का निर्माण भी किया जाएगा।
भूमिगत हिस्से से जुड़े तथ्य
- भूमिगत हिस्से की गहराई 20 मीटर
- भूमिगत हिस्से की लंबाई 5.60 किलोमीटर
- इसे बनाने में आएगी 1126 करोड़ रुपये की लागत
- अधिकतम 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी रैपिड रेल
अधिकारी का जवाब
भूमिगत हिस्से को बनाने जमीन के नीचे टनल बोरिंग मशीनें उतारी जाएंगी। उसके लिए लांचिंग शाफ्ट बनाने के लिए डी-वाल का निर्माण शुरू कराया गया है। सुरंग की खोदाई का काम अगले साल शुरू होगा।
- पुनीत वत्स, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, एनसीआरटीसी