Rohini court shootout: हमलावरों के लगातार संपर्क में था टिल्लू, बड़े स्तर पर इन बदमाशों ने मिलकर की थी प्लानिंग
Rohini court shootout 24 सितंबर को वारदात से पहले राहुल व जयदीप की टिल्लू से कई बार फोन पर बात हुई थी। तकनीकी जांच व इस मामले में गिरफ्तार उमंग यादव व विनय यादव से पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी मिली है।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। कुख्यात जितेंद्र मान उर्फ गोगी की हत्या करने वाले राहुल व जयदीप लगातार सुनील मान उर्फ टिल्लू के संपर्क में थे। 24 सितंबर को वारदात से पहले राहुल व जयदीप की टिल्लू से कई बार फोन पर बात हुई थी। तकनीकी जांच व इस मामले में गिरफ्तार उमंग यादव व विनय यादव से पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी मिली है। ऐसा माना जा रहा है कि गोगी की हत्या के लिए बड़े स्तर पर टिल्लू व उसके खेमें में शामिल कुख्यात नीरज बवाना, सुनील राठी, भावरिया, राहुल काला व नवीन बाली आदि गैंगस्टरों ने प्लानिंग की थी।
उक्त साजिश में जेल से बाहर रहने वाले इन गिरोहों के कई बदमाश शामिल थे। तिहाड़ जेल से लेकर रोहिणी कोर्ट तक गोगी के हर मूवमेंट की जानकारी लेकर टिल्लू खुद उक्त जानकारी से राहुल व जयदीप को अवगत करा रहा था तभी वारदात को अंजाम देने में हमलावर सफल हो गए। तीसरी बटालियन व स्पेशल सेल के जवानों के मजबूत सुरक्षा घेरे में होने के बावजूद हमलावर गोगी की हत्या कर देने में कैसे सफल हो गए। यह दोनों यूनिटों की पुलिस की बहुत बड़ी चूक माना जा रहा है।
यह बात अलग है कि गोगी की हत्या करने दोनों हमलावरों को भी तीसरी बटालियन के तीन जवानों ने कोर्ट रूम के अंदर ही ढेर कर दिया। लेकिन पुलिस की कार्यशैली पर यह सवाल हमेशा उठता रहेगा। देश की राजधानी दिल्ली में कोर्ट रूम के अंदर गैंगस्टर की पुलिस की कड़ी सुरक्षा घेरे में मार डालना लचर कानून व्यवस्था ही माना जाएगा। यह गनीमत रही कि कोर्ट रूम के अंदर अंधाधुन गोलियां चलने पर न्यायाधीश व अधिवक्ता उसकी चपेट में नहीं आए अन्यथा पुलिस विभाग काे इसका खामियाजा भुगतना पड़ता।
बताया जा रहा कि पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना सुरक्षा चूक के कारणों की उच्च स्तरीय जांच करा रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में बड़ी कार्रवाई करने की बात सामने आ रही है। स्पेशल सेल में इसको लेकर डर का माहौल है। इस घटना से एक बात साफ है कि अब गैंगस्टरों के बीच जमकर गैंगवार छिड़ सकता है। जिसके शिकार आम लोग भी हो सकते हैं। पुलिस के सामने इन गिरोहों के जेल से बाहर रहने वाले शूटरों की जल्द पहचान करने व उन्हें गिरफ्तार करने की बड़ी चुनौती रहेगी। गैंगवार कभी भी छिड़ सकता है।