Rohini Court: टिल्लू ताजपुरिया से पूछताछ कर कोर्ट शूटआउट की परते खुलवाएगी क्राइम ब्रांच

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने रोहिणी कोर्ट में हुए शूटआउट में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या की साजिश के मामले में टिल्लू ताजपुरिया को तीन रिमांड पर लिया है। बदमाशों को पनाह देने वाले उमंग व विनय पूछताछ के बाद पुलिस ने टिल्लू का रिमांड पर लिया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 01 Oct 2021 03:07 PM (IST) Updated:Fri, 01 Oct 2021 03:07 PM (IST)
Rohini Court: टिल्लू ताजपुरिया से पूछताछ कर कोर्ट शूटआउट की परते खुलवाएगी क्राइम ब्रांच
दिल्ली पुलिस ने हत्या की साजिश के मामले में टिल्लू ताजपुरिया को तीन रिमांड पर लिया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने रोहिणी कोर्ट में हुए शूटआउट में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या की साजिश के मामले में टिल्लू ताजपुरिया को तीन रिमांड पर लिया है। कोर्ट में गोगी की हत्या करने वाले बदमाशों को पनाह देने वाले उमंग व विनय ये पूछताछ के बाद पुलिस ने टिल्लू का रिमांड पर लिया है। अब अपराध शाखा टिल्लू से पूछताछ कर शूटआउट की पूरी परतें खोलेगी। उमंग ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि गोगी की हत्या की साजिश टिल्लू ने ही रची थी।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि टिल्लू अकेले पूछताछ के बाद उमंग व विनय को आमने सामने बिठा कर पूछताछ की जाएगी। इनसे पूछताछ के बाद गैंगस्टर नवीन बाली व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर सुनील राठी से भी इस मामले में पूछताछ हो सकती है। बताया जा रहा है कि अपराध शाखा की टीम ने टिल्लू से बुधवार को मंडोली जेल में पूछताछ भी की थी। पूछताछ में टिल्लू ने शूटआउट की साजिश को लेकर कई राज बताए।

टिल्लू ने बताया कि जो तीसरा शूटर मोनू नेपाली रोहिणी कोर्ट में आया था उसका फर्जी नाम है। मोनू नेपाली गैंगवार में बहुत पहले मारा जा चुका है। तीसरे शूटर को फर्जी नाम मोनू नेपाली के नाम से रोहिणी कोर्ट भेजा गया था। टिल्लू ने उमंग को भी उसका गलत नाम बताया था।

उधर रोहिणी कोर्ट में जब ये वारदात गुई थी उसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने स्वत: इस मामले में संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस मामले में आदेश दिया कि अदालतों में सुरक्षा के लिए मेटल डिटेक्टर, व्हीकल सर्विलांस सिस्टम व पुलिस कर्मियों को पर्याप्त प्रशिक्षण के साथ फुल-प्रूफ सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर रोक के लिए अदालतों में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जानी चाहिए।

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