देश में पहली बार इस गंभीर बीमारी की रोबोट से सर्जरी का दावा

दिल्ली में एक महिला के पेट की धमनियों को रोबोटिक सर्जरी से ठीक करने का दावा किया गया है। अस्पताल के अनुसार, देश में पहली बार इस तरह की सर्जरी की गई।

By Edited By: Publish:Sun, 20 Jan 2019 10:45 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 03:00 PM (IST)
देश में पहली बार इस गंभीर बीमारी की रोबोट से सर्जरी का दावा
देश में पहली बार इस गंभीर बीमारी की रोबोट से सर्जरी का दावा

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के द्वारका स्थित मणिपाल अस्पताल के डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी कर एक महिला मरीज के पेट की धमनियों को ठीक करने का दावा किया है। महिला अब स्वस्थ हो चुकी हैं। अस्पताल के डॉक्टरों का दावा है कि यह देश की पहली वैस्कुलर (नसों) रोबोटिक सर्जरी है। इसके पहले रोबोटिक मशीन की मदद से नसों की बीमारियों की सर्जरी नहीं की गई थी। इस मामले में खास बात यह भी है कि एक साथ धमनियों से संबंधित दो बीमारियों की सर्जरी की गई।

अस्पताल के सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष और रोबोटिक सर्जन डॉ. अरुण प्रसाद ने बताया कि जांच में यह बात पता चली कि मुख्य धमनी (महाधमनी) से पेट में ब्लड आपूर्ति करने वाली नस दबकर टेढ़ी हो गई थी। इससे खाना खाने के बाद पेट में पर्याप्त मात्रा में ब्लड आपूर्ति नहीं हो पा रही थी, जबकि खाना खाने के बाद पेट में अधिक ब्लड की जरूरत होती है। इसलिए मरीज को पेट में दर्द होने लगता था। इसके अलावा जांच में यह भी बात सामने आई कि मरीज के पेट में स्प्लीन (तिल्ली) की धमनी फूल गई थी। वह कभी भी फट सकती थी। इससे खतरा हो सकता था।

धमनियों में दो जगहों पर परेशानी होने के कारण इसकी सर्जरी जोखिम का काम था। इसलिए अस्पताल के वैस्कुलर सर्जन डॉ. नीतीश आंचल ने इस मामले पर डॉ. अरुण से चर्चा की। मरीज की सुविधा के लिए उन्हें रोबोटिक सर्जरी का सुझाव दिया गया। परिजनों की स्वीकृति पर डॉक्टरों ने तीन घंटे में सर्जरी की। रोबोटिक मशीन के जरिये पहले महाधमनी से पेट में ब्लड आपूर्ति करने वाली धमनी को सीधा किया गया। इसके बाद स्पलीन की धमनी के प्रभावित हिस्से की सर्जरी की गई और उसे काटकर हटाया गया।

डॉ. अरुण ने कहा कि जनरल, यूरोलॉजी, गायनो कई तरह के कैंसर और पेट की बीमारियों की सर्जरी में रोबोटिक मशीन इस्तेमाल की जा रही है। लेकिन, पहले देश में वैस्कुलर सर्जरी में रोबोटिक मशीन इस्तेमाल नहीं की गई थी। इस तकनीक में मरीज को सर्जरी के लिए बड़ा चीरा लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। इसके अलावा 3डी तकनीक इस्तेमाल होने से कंप्यूटर के स्क्रीन पर शरीर का प्रभावित हिस्सा ज्यादा स्पष्ट दिखता है। डॉक्टर कहते हैं कि इस तकनीक से सर्जरी के दौरान रक्त स्त्राव बहुत कम होता है।

दरअसल एक महिला (32) को खाना खाने के बाद पेट में तेज दर्द शुरू हो जाता था। डॉक्टर उस बीमारी को समझ नहीं पा रहे थे। अल्ट्रासाउंड में कोई बीमारी सामने नहीं आ रही थी। वह लंबे समय तक बीमारी से जूझती रहीं। आखिरकार विशेष सीटी स्कैन में बीमारी पकड़ में आई। डॉक्टरों को पता चला कि महिला मरीज को पाचन तंत्र से संबंधित बीमारी नहीं, बल्कि उन्हें पेट की धमनियों में गंभीर बीमारी थी।

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