Coronavirus Alert ! कोरोना से ठीक हुए मरीजों में फंगल संक्रमण से आंखों पर खतरा, कई लोग गवां चुके हैं जान

गंगाराम अस्पताल में दो दिनों में इसके संक्रमण से पीड़ित छह मरीज भर्ती किए गए हैं। इस बीमारी में मरीजों के आंखों की रोशनी प्रभावित होती है। संक्रमण नाक से शुरू होकर आंख व मस्तिष्क में पहुंच जाता है। इस वजह से यह संक्रमण बेहद घातक होता है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 09:38 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 10:42 AM (IST)
Coronavirus Alert ! कोरोना से ठीक हुए मरीजों में फंगल संक्रमण से आंखों पर खतरा, कई लोग गवां चुके हैं जान
Coronavirus Alert ! कोरोना से ठीक हुए मरीजों में फंगल संक्रमण से आंखों पर खतरा, कई गवां चुके हैं जान

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हुए मरीजों में मुकोर्माइकोसिसका फंगल संक्रमण देखा जा रहा है, जो बेहद घातक होता है। गंगाराम अस्पताल में दो दिनों में इसके संक्रमण से पीड़ित छह मरीज भर्ती किए गए हैं। इस बीमारी में मरीजों के आंखों की रोशनी प्रभावित होती है। संक्रमण नाक से शुरू होकर आंख व मस्तिष्क में पहुंच जाता है। इस वजह से यह संक्रमण बेहद घातक होता है। पिछले वर्ष दिसंबर में भी इस तरह के मामले देखे गए थे। इससे पीड़ित कई मरीजों को आंख की रोशनी गंवानी पड़ी थी। कुछ मरीजों के नाक व जबड़े की हड्डी खराब हो गई थी। पिछले साल इस फंगल संक्रमण के कारण पांच मरीजों की मौत हुई थी। अस्पताल के डॉक्टर कहते हैं कि मुकोर्माइकोसिस संक्रमण में मृत्यु दर बहुत अधिक है।

उधर, अस्पताल के ईएनटी विभाग के चेयरमैन डॉ. अजय स्वरूप ने कहा कि कोरोना से ठीक हुए उन मरीजों में इसका संक्रमण देखा जा रहा है जिन्हें मधुमेह, किडनी व दिल की बीमारी और कैंसर है, क्योंकि ऐसे मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ऐसी स्थिति में फंगल संक्रमण का खतरा रहता है। इसके अलावा स्टेरायड भी इसका एक कारण है।

वहीं, ईएनटी विभाग के वरिष्ठ सर्जन डा. मनीष मुंजाल ने कहा कि नाक में किसी तरह की रुकावट, आंख व गाल में सूजन, आंख लाल हो और नाक पर काली सूखी परत दिखाई दे तो तुरंत बायोप्सी कर फंगस संक्रमण की जांच करानी चाहिए, ताकि एंटी फंगल थेरेपी दवाएं दी जा सके। इलाज में देरी मरीज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

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