प्रदूषण में कमी लाने में इस साल कामयाब न रहा लॉकडाउन, सीएसई की रिपोर्ट में खुलासा

Lockdown Delhi Pollution इस साल दिल्ली में प्रतिबंध छह अप्रैल को रात का कर्फ्यू (Night Curfew) और सप्ताहांत के लॉकडाउन के रूप में शुरू हुए जिसमें 19 अप्रैल को पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया था। आंशिक-लॉकडाउन लागू करने से पीएम 2.5 प्रदूषण स्तर 20 फीसद तक कम हो गया।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 11:27 AM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 11:27 AM (IST)
प्रदूषण में कमी लाने में इस साल कामयाब न रहा लॉकडाउन, सीएसई की रिपोर्ट में खुलासा
प्रदूषण में कमी लाने में इस साल कामयाब न रहा लॉकडाउन, सीएसई की रिपोर्ट में खुलासा

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। लॉकडाउन ने इस साल भी दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार तो किया है, लेकिन पिछले साल की तरह प्रभावी ढंग से नहीं। वजह, 2021 के प्रतिबंध छोटे और कम कड़े होना। यह सामने आया है सेंटर फार साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के एक आंकलन में। इस साल जो सुधार हुआ, उसके लिए भी मौसम का योगदान ज्यादा रहा। 2021 में यातायात की तीव्रता भी तुलनात्मक रूप से अधिक थी। इस साल दिल्ली में प्रतिबंध छह अप्रैल को रात का कर्फ्यू (Night Curfew) और सप्ताहांत के लॉकडाउन के रूप में शुरू हुए, जिसमें 19 अप्रैल को पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया था। आंशिक-लॉकडाउन लागू करने से पीएम 2.5 प्रदूषण स्तर 20 फीसद तक कम हो गया।

सीएसई विश्लेषण के अनुसार जबकि पूर्ण लॉकडाउन ने औसत को 12 फीसद और नीचे ला दिया।2020 में आंशिक लाकडाउन 12 मार्च को, 25 मार्च को पूर्ण लॉकडाउन के साथ शुरू हुआ, जिसे 18 मई से चरणबद्ध तरीके से हटा लिया गया। आंशिक लॉकडाउन ने पीएम 2.5 के स्तर को 20 फीसद तक नीचे ला दिया, लेकिन पूर्ण लाकडाउन ने इसे और 35 फीसद कम कर दिया। 18 मई से प्रतिबंध हटाने से पीएम 2.5 के स्तर में 28 पुीसद की वृद्धि हुई।

सीएसई ने यह भी कहा कि 2020 और 2021 में लॉकडाउन ग्रीष्मकाल 2019 की गर्मियों की तुलना में 25 से 40 फीसद स्वच्छ रहा है। 2021 के वसंत (जनवरी-मार्च) ने 2019 के बाद से सीजन के लिए उच्चतम प्रदूषण स्तर दर्ज किया है।

आमतौर पर पीएम 2.5 के स्तर में एक बड़ी वजह मौसमी चक्र होता है। सर्दी सबसे अधिक प्रदूषित होती है और मानसून का मौसम सबसे साफ होता है। वसंत (जनवरी से मार्च) दो चरम सीमाओं के बीच एक संक्रमणकालीन अवधि के रूप में कार्य करता है। पीएम 2.5 के स्तर में एक महत्वपूर्ण गिरावट तब होती है जब मौसम गर्म होता है और वसंत के दौरान हवा तेज हो जाती है। 2018 की सर्दियों और 2019 के वसंत के बीच 26 फीसद की गिरावट आई थी। 2020 में प्रदूषण नियंत्रण उपायों के कारण और मार्च 2020 में आंशिक लॉकडाउन लागू होने के कारण यह गिरावट बढ़कर 36 फीसद हो गई। इस साल प्रदूषण जारी नहीं रहा, मौसमी गिरावट 18 फीसद तक सीमित रही।

वास्तव में इस साल वसंत 2020 की तुलना में 31 फीसद और 2019 की तुलना में आठ फीसद अधिक गंदा प्रदूषण रहा। सीएसई विश्लेषण ने यह भी दिखाया कि इस फरवरी-मार्च में वायु गुणवत्ता के मामले में 27 दिन बहुत खराब श्रेणी वाले थे जबकि 2020 में 17 और 2019 में 12 दिन थे। वायु गुणवत्ता मानक को पूरा करने वाले दिनों ने भी इस वसंत ऋतु को केवल दो तक गिरा दिया। वर्ष 2020 में 16 और 2019 में छह दिन थे जब मानक पूरा हुआ। 

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