DDA Flat News: आवंटन के बाद आधे फ्लैट वापस लौटाना दिल्ली विकास प्राधिकरण के लिए चिंता की बात
DDA flat News 2014 से साल दर साल बड़ी संख्या में फ्लैट लौटाए जाने के बावजूद हालात में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। इस साल भी डीडीए की योजना के मार्च माह में हुए 1354 फ्लैटों के ड्रा में से 689 आवंटियों ने फ्लैट लौटा दिए हैं।
नई दिल्ली [सौरभ श्रीवास्तव]। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के फ्लैटों के आवंटियों द्वारा फ्लैट लौटाने का विगत कुछ वर्षों से चल रहा सिलसिला निराशाजनक है। चिंताजनक यह है कि 2014 से साल दर साल बड़ी संख्या में फ्लैट लौटाए जाने के बावजूद हालात में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। इस साल भी डीडीए की योजना के मार्च माह में हुए 1354 फ्लैटों के ड्रा में से 689 आवंटियों ने फ्लैट लौटा दिए हैं। डीडीए यह अवश्य कह रहा है कि आवंटियों से फ्लैट लौटाने की वजह पूछकर हालात को सुधारने के प्रयास किए जाएंगे। सवाल यह उठता है कि आखिर डीडीए के फ्लैट लोग वापस क्यों कर रहे हैं। इनकी गुणवत्ता में कमी है, इनका मूल्य अधिक है या आसपास मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।
ऐसे में इस बात की गहन समीक्षा करने की आवश्यकता है कि डीडीए के फ्लैटों के लिए जहां कभी दिल्ली के बाहर के लोग भी लालायित रहते थे, अब दिल्लीवासी ही इसे क्यों लौटा रहे हैं। फ्लैट की बेहतर गुणवत्ता और मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराए जाने पर डीडीए का पूरा जोर होना चाहिए। साथ ही इनके मूल्य भी प्रतिस्पर्धी होने चाहिए, ताकि आवंटन होने पर लोग इसे लौटाने के बारे में नहीं सोचें।
डीडीए का काम दिल्ली का नियोजित विकास करना है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि डीडीए अपने उस उद्देश्य पर पूरी तरह खरा नहीं उतर सका है। इसका दुष्परिणाम यह है कि दिल्ली के क्षेत्रफल का एक बड़ा हिस्सा अनियोजित तरीके से बस गया है, जो दिल्ली को बदसूरत भी बनाता है।
राष्ट्रीय राजधानी को पूरी तरह से नियोजित होना चाहिए, तभी यहां रहने वालों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी । इसे देखते हुए डीडीए को दिल्ली के नियोजित विकास की दिशा में गंभीरता से काम करना चाहिए और हरसंभव प्रयास करना चाहिए कि दिल्ली में नियोजित ढंग से आवासीय कालोनियां बनें ताकि उनमें रहने वालों को सभी आवश्यक सुविधाएं मिल सकें।