IPS Rakesh Asthana : राकेश अस्थाना को पुलिस आयुक्त बनाने का आदेश वापस लेने का प्रस्ताव पारित

IPS Rakesh Asthana दिल्ली विधानसभा में बृहस्पतिवार को सत्ता पक्ष ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए नियुक्ति को असंवैधानिक बताया। इसके साथ ही आयुक्त बनाए जाने का आदेश वापस लिए जाने का प्रस्ताव भी पारित किया।

By Jp YadavEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 08:58 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 01:42 PM (IST)
IPS Rakesh Asthana : राकेश अस्थाना को पुलिस आयुक्त बनाने का आदेश वापस लेने का प्रस्ताव पारित
IPS Rakesh Asthana : राकेश अस्थाना को पुलिस आयुक्त बनाने का आदेश वापस लेने का प्रस्ताव पारित

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली पुलिस आयुक्त के पद पर गुजरात कैडर के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की नियुक्ति का मामला गर्माता ही जा रहा है। दिल्ली विधानसभा में बृहस्पतिवार को सत्ता पक्ष ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए नियुक्ति को असंवैधानिक बताया। इसके साथ ही आयुक्त बनाए जाने का आदेश वापस लिए जाने का प्रस्ताव भी पारित किया। इसमें कहा गया है कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं को परेशान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर अस्थाना की नियुक्ति की गई है। इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को यह आदेश वापस लेना चाहिए। इस बीच, विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने राकेश अस्थाना को दो बार राष्ट्रपति पदक प्राप्त करने वाला व ईमानदार अफसर बताते हुए प्रस्ताव का विरोध किया।

विस में बृहस्पतिवार को अल्पकालिक चर्चा के दौरान विधायक संजीव झा ने राकेश अस्थाना को वापस बुलाए जाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का साफ कहना है कि अगर किसी अधिकारी के पास कार्यकाल के छह माह का समय शेष नहीं है तो उसकी नियुक्ति नहीं की जा सकती है। राकेश अस्थाना चार दिन बाद ही सेवानिवृत्त होने वाले थे। AAP विधायक गुलाब सिंह, अखिलेश पति त्रिपाठी, सोमनाथ भारती और बीएस जून ने झा के प्रस्ताव का समर्थन किया और आरोप लगाया कि अस्थाना को AAP का गला घोटने और परेशान करने के लिए दिल्ली लाया गया है। अखिलेशपति त्रिपाठी ने कहा कि AAP नेता और कार्यकर्ता राकेश अस्थाना की नियुक्ति से डरते नहीं हैं। विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, राकेश अस्थाना सम्मानित और अनुभवी अफसर हैं।

उन्होंने गोधरा नरसंहार और पुरुलिया में हथियार गिराने के मामलों की सफलतापूर्वक जांच की। उन्होंने एक राजनीतिक दल के प्रमुख के दामाद से संबंधित भूमि घोटाले की भी जांच की। इसलिए सदन को उनकी नियुक्ति का स्वागत करना चाहिए। इस पर दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने बिधूड़ी को ‘दामाद’ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए चुनौती दी, जिसका वह नाम नहीं ले रहे थे और कहा कि भाजपा और कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। केंद्र सरकार को नियुक्ति करते समय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए थी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानना केंद्र का फर्ज: केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानना केंद्र सरकार का फर्ज है। अदालत के आदेश के मुताबिक अस्थाना की नियुक्ति दिल्ली पुलिस आयुक्त के पद पर नहीं की जा सकती है। इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को उन्हें वापस बुलाना चाहिए।

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