Delhi Coronavirus Vaccination 2021: वैक्सीन का इंतजार कर रहे दिल्ली के लोगों के लिए राहत भरी खबर

Delhi Coronavirus Vaccination 2021 कोविशील्ड टीके की चार लाख डोज मंगलवार को दिल्ली पहुंची है। इससे स्टाक में छह लाख 44 हजार 230 डोज टीका उपलब्ध है। टीके की उपलब्धता बढ़ने के बावजूद अभी टीके की दूसरी खुराक देने पर अधिक जोर है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:36 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:36 AM (IST)
Delhi Coronavirus Vaccination 2021: वैक्सीन का इंतजार कर रहे दिल्ली के लोगों के लिए राहत भरी खबर
Delhi Coronavirus Vaccination 2021: वैक्सीन का इंतजार कर रहे दिल्ली के लोगों के लिए राहत भरी खबर

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ जंग में हथियार बनी कोरोना रोधी वैक्सीन को लेकर राहत भरी खबर आई है।  कोविशील्ड टीके की चार लाख डोज मंगलवार को दिल्ली पहुंची है। इससे स्टाक में छह लाख 44 हजार 230 डोज टीका उपलब्ध है। फिर भी मंगलवार को टीकाकरण की रफ्तार कम रही। इसका एक कारण यह है कि टीके की उपलब्धता बढ़ने के बावजूद अभी टीके की दूसरी खुराक देने पर अधिक जोर है।

बताया जा रहा है कि कोविशील्ड की पहली खुराक देने पर 31 जुलाई तक लगी रोक जारी रहेगी। इन केंद्रों पर सिर्फ दूसरी डोज लग रही है। यही वजह है कि मंगलवार को 63.46 फीसद लोगों को दूसरी डोज लगी। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में कहा गया है कि टीके का स्टाक सीमित है। पहली डोज ले चुके 18 से 44 साल की उम्र के काफी लोग ऐसे हैं जिन्हें दूसरी डोज लगना है। वहीं कोवैक्सीन की 20 फीसद डोज पहली खुराक लेने वाले लोगों को दी जाती है।

ऐसे में कोविशील्ड की पहली डोज के लिए लोग अभी निजी अस्पतालों पर निर्भर हैं। स्थिति यह है कि मंगलवार को 750 केंद्रों पर शाम सात बजे तक 37,791 लोगों को टीका लगा। इनमें से 37,791 लोगों को दूसरी डोज दी गई।

ऑक्सीजन की कमी से मौतों की जांच की मांग

फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर ऑक्सीजन की कमी से हुई मरीजों की मौत के मामलों की जांच कराने की मांग की है। फोर्डा ने ऑक्सीजन की कमी से देश में कोरोना के एक भी मरीज की मौत नहीं होने की बात पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण चरम पर पहुंचने पर अस्पताल बेड, ऑक्सीजन व दवा की कमी से जूझ रहे थे। ऐसे में यह कहना सरासर गलत है कि ऑक्सीजन की कमी से कोरोना पीड़ितों की मौत नहीं हुई है।

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