सेप्टिक टैंक में मौत का मामलाः मृतक के रिश्तेदार ने बताई घटना की हकीकत, जताई साजिश की आशंका
शोएब अहमद ने बताया कि ठेके के शर्तों के अनुसार दोनों को फैक्ट्रर मालिक को 820 ग्राम सोना व 30 लाख रुपये देने थे। जिनमें करीब 500 ग्राम सोना 15 दिन पूर्व ही दे चुके थे और बाकी सोना अपने साथ लेकर आए थे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। इदरीश व सलीम ने लाल बाग स्थित आभूषण् फैक्ट्री में पहली बार ठेका लिया था। दोनों का यह पुश्तैनी धंधा है और दोनों कई सालों से इस धंधं को कर रहे थे। लेकिन लाल बाग स्थित उक्त फैक्ट्री में पहली बार ठेका लिया था। जहांगीरपुरी स्थित बाबू जगजीवन राम अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान इदरीश के भाई आरिफ ने बताया कि उन्होंने यह ठेका ठेकेदार प्रमोद के जरिये लिया था।
इसके लिए दोनों करीब 15 दिन पूर्व फैक्ट्री में आकर फैक्ट्री मालिक से बातचीत की थी। पिछले एक ठेके में उन्हें 17 लाख का नुकसान भी हो गया था। ऐसे में दोनों इस बार नुकसान की भरपाई करना चाह रहे थे।
सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच करे पुलिस
इदरीश के बहनोई शोएब अहमद ने बताया कि ठेके के शर्तों के अनुसार दोनों को फैक्ट्रर मालिक को 820 ग्राम सोना व 30 लाख रुपये देने थे। जिनमें करीब 500 ग्राम सोना 15 दिन पूर्व ही दे चुके थे और बाकी सोना अपने साथ लेकर आए थे। सेप्टिक टैंक से गाद निकालकर उसे जिन बोरियां में भरा था, वे फैक्ट्री में रखीं हैं। उन्हें हादसे में साजिश की बू आ रही है। उनका कहना है कि उनके बहनोई सालों से यह काम कर रहे हैं और कभी गाद निकालने के लिए खुद टैंक में नीचे उतरते थे। पुलिस को मामले में सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर सही तरीके से जांच करनी चाहिए।
टैंक में जमा होते हैं सोना चांदी के कण
आभूषण फैक्ट्री में सोना चांदी के गहने तैयार करने के दौरान जब उनकी धुलाई होती है तो पानी के साथ सोने चांदी के कण भी निकलते हैं। जो सेप्टिक टैंक में गाद के रुप में जमा हो जाते हैं। बाद में गाद को छानकर कणों को निकाला जाता है। फैक्ट्री के मालिक सेप्टिक टैंक की सफाई के नाम पर कमाई करते हैं।
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