दिल्ली में हुई अहम बैठक में पढ़िये राहुल गांधी ने कांग्रेसियों को दिया कौन सा गुरुमंत्र
राहुल गांधी ने कहा कि किसी एक के लिए सभी को खुश रख पाना संभव नहीं इसलिए अहम को त्याग कर संगठन की मजबूती के लिए मिलकर काम करें। उन्होंने यह भी कहा कि जो जिला अध्यक्ष या ब्लाक अध्यक्ष काम नहीं करना चाहते उन्हें बदल दिया जाए।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने दिल्ली के कांग्रेसियों से आपसी मनमुटाव छोड़ एक प्लेटफार्म पर आने के लिए कहा है। उनका कहना है कि किसी एक के लिए सभी को खुश रख पाना संभव नहीं, इसलिए अहम को त्याग कर संगठन की मजबूती के लिए मिलकर काम करें। उन्होंने यह भी कहा कि जो जिला अध्यक्ष या ब्लाक अध्यक्ष काम नहीं करना चाहते, उन्हें बदल दिया जाए। दिल्ली नगर निगम चुनाव में जुटा कांग्रेस के लिए इस एक तरह से राहुल गांधी की ओर से गुरुमंत्र माना जा रहा है।
बता दें कि राहुल गांधी ने मंगलवार की शाम तुगलक रोड स्थित अपने निवास पर दिल्ली कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक की। इसमें प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, सह प्रभारी इमरान मसूद, प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी, उपाध्यक्ष जयकिशन, मुदित अग्रवाल, अभिषेक दत्त, शिवानी चोपड़ा एवं अली मेंहदी मौजूद रहे। करीब दो घंटे तक चली इस बैठक में राहुल ने दिल्ली के इन नेताओं से संगठन की मजबूती का रोड मैप और नगर निगम चुनाव की रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने यह भी पूछा कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महज चार फीसद मत मिले थे, इसे बढ़ाने के लिए क्या किया जा रहा है।
बैठक में चर्चा के क्रम में यह बात भी सामने आई है कि भाजपा के पास जहां दिल्ली में मजबूत संगठन है। वहीं आम आदमी पार्टी के पास चेहरा है। कांग्रेस इन दोनों ही मोर्चे पर हल्की पड़ रही है। इस पर राहुल ने कहा कि उनके स्तर पर प्रदेश इकाई को जो भी सहयोग चाहिए, उसके लिए वह सदैव तैयार हैं।
कांग्रेस नेता जयकिशन का कहना था कि बहुत से वरिष्ठ नेता घर बैठ गए हैं, उन्हें भी बाहर निकलना चाहिए और संगठन की मजबूती के लिए काम करना चाहिए। प्रदेश नेतृत्व की ओर से राहुल को उन तमाम गतिविधियों की जानकारी भी दी गई, जो आगामी निगम चुनाव को ध्यान में रखकर की जा रही हैं।
बैठक में कमोबेश सभी ने अपनी बात रखी, जिसे राहुल गांधी ने भी तसल्ली से सुना। हालांकि, हैरत की बात यह है कि लगातार पार्टी छोड़ रहे नेताओं को लेकर न कोई चर्चा हुई और न चिंता नजर आई। एक और अहम बात यह है कि संगठन की खामियों को दूर करने के बजाए राहुल को भी यही बताया गया कि दिल्लीवासी भाजपा और आम आदमी पार्टी से बहुत नाराज हैं और निगम चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी, जबकि जमीनी हकीकत इससे एकदम अलग है।