पढ़िये एसएन सुब्बाराव के निधन पर क्या बोले राकेश टिकैत, चौधरी महेंद्र टिकैत के साथ चलाए गए अभियान को किया याद

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी एसएन सुब्बाराव के निधन पर दुख व्यक्त किया। चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के समय को याद करते हुए उन्होंने लिखा कि सुब्बाराव जी ने टिकैत साहब के साथ नशा मुक्ति कार्यक्रम चलाया था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 04:44 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 04:44 PM (IST)
पढ़िये एसएन सुब्बाराव के निधन पर क्या बोले राकेश टिकैत, चौधरी महेंद्र टिकैत के साथ चलाए गए अभियान को किया याद
एस एन सुब्बाराव के निधन पर राकेश टिकैत ने अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी एसएन सुब्बाराव के निधन पर दुख व्यक्त किया। चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के समय को याद करते हुए उन्होंने लिखा कि सुब्बाराव जी ने टिकैत साहब के साथ नशा मुक्ति कार्यक्रम चलाया था। अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट पर ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि सुब्बाराव जी को आज का गांधी भी कहा जाता था। उन्होंने गांधी जी के विचारों को जीवन में उतारा, साथ ही देशभर में गांधी जी की विचारधारा को दुनिया में फैलाया।

दरअसल बुधवार को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित डॉ एसएन सुब्बाराव (SN Subbarao) का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। गांधीवादी विचारधारा (Gandhian ideology) के प्रणेता रहे सुब्बाराव को कई दिग्गज नेता अपने जीवन का आदर्श मानते थे। प्रख्यात गांधीवादी नेता और चंबल की धरती को डकैतों के आतंक से मुक्ति दिलाने वाले पद्मश्री डा एसएन सुब्बा राव का निधन को राजनीतिक दिग्गजों ने बेहद दुःखद बताया है।

एस एन सुब्बाराव के निधन के दुखद समाचार है। सुब्बाराव जी को आज का गाँधी भी कहा जाता था। टिकैत साहब के साथ उन्होंने नशा मुक्ति कार्यक्रम भी चलाया। उन्होंने गांधी जी के विचारों को जीवन मे उतारा। देशभर में गाँधी जी की विचारधारा को दुनिया मे फ़ैलाया।

मेरी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि pic.twitter.com/SkmAPbe1qY

— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) October 27, 2021

डा राव ने 14 अप्रैल 1972 को गांधी सेवा आश्रम जौरा में 654 डकैतों का समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण एवं उनकी पत्नी प्रभादेवी के सामने सामूहिक आत्मसमर्पण कराया था। इनमें से 450 डकैतों ने जौरा के आश्रम में, जबकि 100 डकैतों ने राजस्थान के धाैलपुर में गांधीजी की तस्वीर के सामने हथियार डालकर समर्पण किया था। उसी के बाद से सुब्बाराव जी की ख्याति फैल गई थी। वो पूरे देश में जाने जाने लगे थे।

वो ग्वालियर चंबल संभाल में डा सुब्बा राव साथियों के बीच भाईजी के नाम से प्रसिद्ध थे। डा सुब्बा राव ने जौरा में गांधी सेवा आश्रम की नींव रखी थी, जो अब श्योपुर तक गरीब व जरूरतमंदों से लेकर कुपोषित बच्चों के लिए काम कर रहा है।

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