मुश्किलों का टूटा पहाड़ तो साथी बने मददगार, पढ़िए लायर्स इनिशिएटिव ग्रुप के हौसले की कहानी
अधिवक्ता अमित की कोरोना की बीमारी के कारण मेरठ स्थित एक अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं। फेसबुक के जरिये उनके भतीजे ने संपर्क किया और पांच लाख रुपये की मदद मांगीजिसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ताओं व साथियों की मदद से एक दिन में आठ लाख रुपये इकट्ठा कर मदद की गई।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। कोरोना महामारी के कारण शारीरिक व मानसिक ही नहीं आर्थिक तंगी से जूझ रहे अधिवक्ताओं के लिए उनके ही साथियों ने मदद का हाथ बढ़ाया है। तीन साल पहले मदद के उद्देश्य से बनाया गया लायर्स इनिशिएटिव ग्रुप कोरोना महामारी की मुश्किल की घड़ी में अपने साथियों के लिए मददगार साबित हो रहा है। ग्रुप ने महामारी के मुश्किल दौर से गुजर रहीं महिला अधिवक्ताओं को राशन उपलब्ध कराने से लेकर कोरोना से पीड़ित अधिवक्ताओं की आर्थिक मदद की। ग्रुप द्वारा अब तक 480 जरूरतमंद अधिवक्ताओं व उनके परिवारों की मदद की जा चुकी है।
ग्रुप के फाउंडेशन सदस्य व दिल्ली हाई कोर्ट के अधिवक्ता श्याम शर्मा बताते हैं कि तीन साल पहले संगम विहार में एक अधिवक्ता ने अपने बेटियों व पत्नी का गला काट दिया था। अधिवक्ता व उसकी छोटी बेटी की तो मौत हो गई, लेकिन पत्नी और बड़ी बेटी बच गई थीं। घटना के बाद अखबार में उन्होंने पढ़ा कि संगम विहार थाना पुलिस अधिवक्ता की पत्नी की सात हजार रुपये की आर्थिक मदद कर रही है। इसी से प्रेरित होकर उन्होंने अपने अधिवक्ता साथियों हरीश भाटिया, कमल निझावन, संध्या कोहली, पूजा आनंद, पुष्प गुप्ता, आस्था जैन, अनुज सहगल और अनुज अग्रवाल के साथ मिलकर लायर्स इनिशिएटिव ग्रुप बनाया। इसके 15 सदस्यों से 500-500 रुपये जुटाकर उन्होंने भी अपने साथी अधिवक्ता की पत्नी की आर्थिक मदद शुरू की और तभी यह सिलसिला जारी है।
इलाज के लिए की लाखों की मदद
श्याम ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले 35 वर्षीय अधिवक्ता अमित कुमार की कोरोना की बीमारी के कारण मेरठ स्थित एक अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं। फेसबुक के जरिये उनके भतीजे ने संपर्क किया और पांच लाख रुपये की मदद मांगी, जिसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ताओं व साथियों की मदद से एक दिन में आठ लाख रुपये इकट्ठा कर मदद की गई।
वहीं, गुरुग्राम स्थित फोर्टिस हास्पिटल में भर्ती अधिवक्ता प्रवीण पुरी की कुछ दिन पहले मौत हो गई। उनकी पत्नी सोनल पुरी अब भी फोर्टिस में वेंटिलेटर पर हैं और अस्पताल का बिल 19 लाख रुपये का है। श्याम ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी समृद्धि ने उनसे संपर्क किया और अब तक उनके लिए ढाई लाख रुपये की मदद की जा चुकी है। इसके अलावा शालीमार बाग स्थित फोर्टिस में भर्ती सौरभ शर्मा का कोरोना के कारण लंग खराब हो चुका है। इनकी मदद के लिए इस ग्रुप ने एक दिन में 11.20 लाख रुपये जुटाए।
सम्मान के साथ की महिला अधिवक्ताओं की मदद
कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने अधिवक्ताओं को आर्थिक रूप से काफी मुश्किल में डाला। अधिवक्ताओं ने संगठन ने मदद करने के लिए राशन वितरण कार्यक्रम शुरू किए, लेकिन वहां पर महिला अधिवक्ताओं को कई घंटे तक लाइन में लगना पड़ता था। इसे देखकर ग्रुप की सदस्य आस्था जैन ने महिला अधिवक्ताओं की मदद करना शुरू किया। आर्थिक तंगी से जूझ रहे कई युवा अधिवक्ताओं को भी राशन उपलब्ध कराया गया। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित होने वाले 40 से अधिक अधिवक्ताओं को दवा उपलब्ध कराई गई।