पढ़िए- कैसे कम होगी जेवर-IGI एयरपोर्ट की दूरी, UP-दिल्ली समेत 4 राज्यों को होगा लाभ

इस एलिवेटेड रोड के बनने से गौतमबुद्ध नगर गाजियाबाद समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश उत्तराखंड राजस्थान हरियाणा से भी काफी संख्या में जेवर एयरपोर्ट को यात्री मिलेंगे।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 23 Feb 2019 10:10 AM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 10:19 AM (IST)
पढ़िए- कैसे कम होगी जेवर-IGI एयरपोर्ट की दूरी, UP-दिल्ली समेत 4 राज्यों को होगा लाभ
पढ़िए- कैसे कम होगी जेवर-IGI एयरपोर्ट की दूरी, UP-दिल्ली समेत 4 राज्यों को होगा लाभ

नोएडा, जेएनएन। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी। प्रदेश सरकार ने इसका प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा है। केंद्र इस प्रस्ताव का परीक्षण कर रहा है। जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली एनसीआर से जोड़ने के लिए मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी की अध्ययन रिपोर्ट भी मार्च में यमुना प्राधिकरण को मिल जाएगी। इस रिपोर्ट को शासन को भेजा जाएगा।

बता दें कि सब कुछ ठीक रहा तो जेवर एयरपोर्ट से 2023 से हवाई सेवाओं का संचालन शुरू हो जाएगा। आइजीआइ से कुछ उड़ाने जेवर एयरपोर्ट से संचालित हो सकती हैं। इसलिए दोनों एयरपोर्ट के बीच यात्रियों की आवाजाही बढ़ेगी। जेवर एयरपोर्ट व दिल्ली के आइजीआइ के बीच यात्री कम से कम समय पर आवाजाही कर सकें। इसके लिए दोनों एयरपोर्ट को सीधे जोड़ने की योजना है। प्रदेश सरकार ने दोनों एयरपोर्ट को एलिवेटेड रोड से जोड़ने का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा है।

वहीं जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली समेत एनसीआर, पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिलों से सीधे कनेक्टिविटी देने के लिए मॉल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। इसके तहत सड़क, रेपिड ट्रेन समेत विभिन्न माध्यमों से कनेक्टिविटी शामिल हैं। रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी राइट्स को सौंपी गई है। राइट्स मार्च में यह रिपोर्ट तैयार कर यमुना प्राधिकरण को सौंपेगी। इस रिपोर्ट को प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा।

जेवर एयरपोर्ट के लिए कराई स्टडी के मुताबिक दिल्ली से सबसे अधिक यात्री मिलने का अनुमान लगाया गया है। इसके अलावा गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा से भी काफी संख्या में जेवर एयरपोर्ट को यात्री मिलेंगे। एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं के संचालन के साथ ही पचास लाख यात्री सालाना मिलने का अनुमान है। जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को लेकर विशेष जोर है।

UP-हरियाणा के 10 करोड़ लोगों को होगा लाभ
बता दें कि इस कॉरिडोर (एलिवेटेड) के रास्ते में दिल्ली का जाम बाधक न बने। ऐसे में फरीदाबाद-गुरुग्राम के रास्ते नोएडा-ग्रेटर नोएडा में सीधे प्रवेश की संभावनाओं पर काम किया जा रहा है। ऐसे में नोएडा प्राधिकरण की ओर से यमुना पुल के ऊपर से प्रस्तावित दो पुलों के बनने की संभावनाएं अब प्रबल हो चुकी हैं। प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक, इन पुलों को कब बनाया जाएगा, कितना खर्च होगा और इसका वहन कौन करेगा। इसके लिए आकलन किया जाना अभी बाकी है, लेकिन दोनों एयरपोर्ट के बीच जो कॉरिडोर बनना है। कॉरिडोर बनने से यूपी के तकरीबन 15 जिलों के साथ हरियाणा के 4-5 जिलों को लाभ होगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस कॉरिडोर से दोनों राज्यों के तकरीबन 10 करोड़ लोगों का सीधे लाभ पहुंचेगा।

​​​​रिंग रोड की तरह काम करेगा कॉरिडोर
यह कॉरिडोर नोएडा, ग्रेटर नोएडा व फरीदाबाद को जोड़ेगा। एक्सप्रेस-वे पर सेक्टर-150 से होते हुए एक पुल यमुना किनारे बसे गांव अमीपुर तक जाएगा। इसके बाद एक सड़क फरीदाबाद के कबूलपुर, शिकारगाह गांव के पास से ग्रेटर नोएडा के लिए बनाई जाएगी। पुल से फरीदाबाद सेक्टर-95 के आउटर रोड तक एक 90 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी, जो राजपुर कला, तिलोरी खाद आदि गांव के पास से होते हुए अलीपुर शिकारगाह तक पहुंचेगी। इसके अलावा नोएडा के सेक्टर-168 से फरीदाबाद के महावतपुर और लालपुर गांव पर आकर एक यमुना पुल और समाप्त होगा। इन दोनों पुलों के बनने के बाद फरीदाबाद से नोएडा व ग्रेटर फरीदाबाद की दूरी चंद मिनटों की रह जाएगी।

इन दोनों पुलों को जोड़ने के लिए भी रिवाजपुर गांव के पास से महावतपुर गांव के ऊपर से लालपुर तक करीब छह किलोमीटर की एक 90 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी। यह फरीदाबाद की बाइपास रोड से कनेक्ट होगी, इस रास्ते सेक्टर-89 के पास वजीरपुर गांव के रास्ते सेक्टर-28 में फिर बड़खल फ्लाईओवर से सीधे सूरजकुंड रोड से जुड़ेगी और मानव रचना शिक्षण संस्थान चौराहे से गुरुग्राम इफ्को चौक या शंकर चौक तक पहुंच जाएगी। यहां से आइजीआइ एयरपोर्ट काफी पास है।

इसी योजना को ध्यान में रखकर नोएडा सेक्टर-150 में यमुना पुल की परियोजना को फलीभूत करने के लिए फरीदाबाद के मास्टर प्लान 2031 में शामिल किया गया है। यह दोनों ही पुल ईस्टर्न पेरीफेरल (सेक्टर-150) व वेस्टर्न पेरीफेरल (सेक्टर-168) से जुड़ेंगे। माना जाए तो यह रोड एक रिंग रोड की तरह काम करेगी। नोएडा प्राधिकरण इस योजना को एक रिंग रोड की तरह देख रहा है, क्योंकि सेक्टर-150 से फरीदाबाद के लिए यमुना पर पुल बनाया जाएगा।

वहीं, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर 35 किलोमीटर लंबी आर्टियल रोड (समानांतर सड़क) आगे सेक्टर-150 को जोड़ेगी। प्रस्तावित रिंग रोड के लिए नोएडा व कालिंदी कुंज से एयरपोर्ट जाने वाले ट्रैफिक के भार को कम करेगी।

जेवर एयरपोर्ट से यूपी को होगा बड़ा फायदा
जेवर एयरपोर्ट के बन जाने से न केवल दिल्ली और नोएडा को फायदा होगा बल्कि इसके बनने से नोएडा के करीब 150 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गाजियाबाद, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा, मेरठ, बरेली, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बागपत, हाथरस और अलीगढ़ जैसे कई शहरों को सीधा फायदा होगा। इन जिलों के अलावा यूपी-हरियाणा के कई दूसरे जिलों के लिए भी जेवर एयरपोर्ट दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के विकल्प के तौर पर उभरेगा।

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