पढ़िए चिड़ियाघर प्रबंधन ने किन दो जानवरों के नामकरण के लिए करवाई आनलाइन वोटिंग, क्या रखे गए दोनों के नाम?

दिल्ली के चिड़ियाघर में लगातार जानवरों और पक्षियों के नाम रखने के लिए आनलाइन सुझाव मांगे जा रहे हैं। इसके लिए लगातार मतदान कराया जा रहा है। गिद्ध और मादा बबून के नाम के बाद अब दो जंगली बिल्लियों के नाम भी रखे दिए गए हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 02:41 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 02:41 PM (IST)
पढ़िए चिड़ियाघर प्रबंधन ने किन दो जानवरों के नामकरण के लिए करवाई आनलाइन  वोटिंग, क्या रखे गए दोनों के नाम?
दोनों के नाम पर करीब एक सप्ताह तक मतदान कराया गया था, जिसके बाद नाम तय किए गए हैं।

नई दिल्ली [राहुल सिंह]। दिल्ली के चिड़ियाघर में लगातार जानवरों और पक्षियों के नाम रखने के लिए आनलाइन सुझाव मांगे जा रहे हैं। इसके लिए लगातार मतदान कराया जा रहा है। गिद्ध और मादा बबून के नाम के बाद अब दो जंगली बिल्लियों के नाम भी रख दिए गए हैं। नर बिल्ली का नाम राजा और मादा बिल्ली का नाम रानी रखना तय किया गया है। दोनों के नाम पर करीब एक सप्ताह तक मतदान कराया गया था, जिसके बाद नाम तय किए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि चिड़ियाघर में लंबे समय से वन्य जीवों के नाम रखने की प्रक्रिया को बदल दिया गया है। अब आम जनता के सुझाव पर जानवरों के नाम रखे जा रहे हैं। इसके लिए प्रबंधन पहले आनलाइन सुझाव मांग रहा है, जिसके बाद उन नामों पर मतदान कराया जा रहा है। इसमें जिस जीव के नाम को लोग अधिक पसंद कर रहे हैं। उनका नाम तय किया जाता है। चिड़ियाघर के निदेशक डाक्टर सोनाली घोष ने बताया कि पिछले दिनों चिड़ियाघर में आए एक नर और मादा जंगली बिल्ली का नाम रखने के लिए सुझाव मांग गए थे।

नर का नाम राजा और जोरा रखने के लिए मतदान कराया गया, जिसमें 52 फीसद लोगों ने राजा और 48 फीसद लोगों ने जोरा नाम रखने के लिए मतदान किया। वहीं, मादा के लिए रानी और वीरा नाम रखने के लिए वोटिंग कराई, जिसमें 70 फीसद लोगों ने रानी के लिए नाम पर अपनी सहमति दी, जबकि वीरा नाम को 30 फीसद लोगों ने पसंद किया। अधिक मतदान होने के चलते राजा और रानी नाम रखा गया है।

उन्होंने बताया कि जंगली बिल्ली देखने में बेहद ही खूबसूरत होती है, जिसे पर्यटकों के देखने के लिए चिड़ियाघर में लाया गया है। इससे पहले आनलाइन मतदान के बाद ही गिद्ध का नाम जटायु और बबून का नाम भूमि रखा गया था। आगे भी जानवरों और पक्षियों के नाम ऐसे ही रखे जाएंगे, जिससे पर्यटकों को जानवरों के प्रति अपनापन दिखेगा।

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