Actor Sushant Singh Rajput News: पहली बरसी से पहले सुशांत सिंह राजपूत को लेकर दिल्ली से आई बड़ी खबर, बहनों को लगा बुरा

Actor Sushant Singh Rajput News सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर आधारित कथित कई फिल्मों पर रोक लगाने की मांग को लेकर पिता कृष्ण किशोर सिंह की याचिका काे दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मरणोपरांत निजता के अधिकार की अनुमति नहीं है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 08:48 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 08:52 AM (IST)
Actor Sushant Singh Rajput News: पहली बरसी से पहले सुशांत सिंह राजपूत को लेकर दिल्ली से आई बड़ी खबर, बहनों को लगा बुरा
Actor Sushant Singh Rajput News: बरसी से पहले सुशांत सिंह राजपूत को लेकर पढ़िये- दिल्ली HC का बड़ा फैसला

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर आधारित कथित कई फिल्मों पर रोक लगाने की मांग को लेकर पिता कृष्ण किशोर सिंह की याचिका काे दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मरणोपरांत निजता के अधिकार की अनुमति नहीं है। अंतरिम आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने कहा कि इन फिल्मों को न तो सुशांत की बायोपिक के रूप में चित्रित किया गया है और न ही उनके जीवन में जो कुछ हुआ उसका तथ्यात्मक वर्णन है। पीठ ने सुशांत के पिता की इस दलील को गलत बताया कि फिल्म की सामग्री मानहानिकारक है और इससे उनकी व उनके बेटे की प्रतिष्ठा को नुकसान होगा। ऐसे में अब 11 जून को रिलीज होने वाली न्याय- द जस्टिस का रास्ता साफ हो गया है। दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले ने न केवल पिता कृष्ण किशोर सिंह बल्कि सुशांत की बहनें भी दुखी हैं।

बता दें कि 14 जून, 2020 को मुंबई में एक्टर सुशांस सिंह राजूपत ने अपने फ्लैट पर सुसाइड कर लिया था, ऐसा मुंबई पुलिस ने जांच में पाया था। यह अलग बात है कि इस मामले की जांच अब भी सीबीआइ जारी रखे हुए हैं, लेकिन सुशांत ने सुसाइड किया या फिर आत्महत्य की? इस पर रहस्य कायम है।

पहले से ही सार्वजनिक हैं सारी चीजें

दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ ने कहा कि प्रतिवादियों की उस दलील को स्वीकार किया कि जिनमें उन्होंने कहा था कि जिन घटनाओं की जानकारी पहले से ही सार्वजनिक हो, उसके लिए निजता के अधिकार के उल्लंघन का अनुरोध नहीं किया जा सकता है। हालांकि, अदालत ने फिल्म निर्माताओं को फिल्मों से अर्जित राजस्व का पूरा लेखा-जोखा पेश करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि यदि भविष्य में नुकसान का कोई मामला बनाने की स्थिति को देख्ते हुए इसे संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष याचिका को पूरा करने के लिए सूचीबद्ध किया जाता है।

वास्तविक जीवन की घटनाओं को फिल्टर नहीं कर सकती कोर्ट
अदालत ने राजपूत के पिता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह उस दलील को रिकॉर्ड पर लिया, जिसमें उन्होंने तर्क दिया था कि समाचार रिपोर्टिंग के मामलों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार वाणिज्यिक शोषण के मामलों में समान सुरक्षा जैसा नहीं है। इस दलील को गलत करार देते हुए पीठ ने कहा कि कोई भी संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(ए) के तहत मूल और गैर-मूल अधिकारों के इस वर्गीकरण को नहीं पढ़ सकता है। पीठ ने कहा संविधान द्वारा प्रदान की गई सुरक्षा और गारंटी समान कठोरता के साथ लागू होगी भले ही प्रकाशन से व्यावसायिक लाभ होता है। पीठ ने कहा कि अदालत वास्तविक जीवन की घटनाओं को फिल्टर नहीं कर सकती है।

यह है मामला

सुशांत के पिता ने याचिका दायर कर कहा था कि उनके बेटे के जीवन पर आधारित आगामी या प्रस्तावित फिल्मों न्याय- द जस्टिस, आत्महत्या या हत्या: ए स्टार वास लास्ट, शशांक को रिलीज होने से रोका जाये। उन्होंने आरोप लगाया था कि फिल्म निर्माता स्थिति का लाभ उठाने के लिए इस तरफ की फिल्म बना रहे हैं। उन्होंने इसके लिए फिल्म निर्माताओं से दो करोड़ रुपये के मुआवजा की भी मांग की थी।

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