Padma Award 2021: दिलवालों ने बढ़ाया दिल्ली का मान, इन दिग्गजों को मिलेगा पद्म श्री व पद्म विभूषण

एम्स से सेवानिवृत व मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र नाथ पांडे को मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित करने का फैसला किया गया है। वह कोरोना के दौर में 79 साल की उम्र में भी मरीजों के इलाज में जुटे थे और सीताराम भरतिया अस्पताल में सेवा दे रहे थे।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 01:38 PM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 01:39 PM (IST)
Padma Award 2021: दिलवालों ने बढ़ाया दिल्ली का मान, इन दिग्गजों को मिलेगा पद्म श्री व पद्म विभूषण
एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. चंद्रकांत संभाजी पांडव

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार ने सोमवार को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। राजधानी की भी कई हस्तियों को इन पुरस्कारों से नवाजे जाने का एलान किया गया है। इन विभूतियों ने समाज सेवा के साथ विभिन्न क्षेत्रों में अतुलनीय योगदान दिया है। पुरस्कारों की घोषणा से इन्होंने दिल्ली का भी मान बढ़ाया है।

वरिष्ठ पुरातत्वविद् बीबी लाल को पद्म विभूषण

प्रो. बीबी लाल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पूर्व महानिदेशक हैं, जो इस पद पर 1968-1972 तक रहे। उन्हें केंद्र सरकार ने पद्म विभूषण देने की घोषणा की है। 2000 में इन्हें पद्म भूषण दिया गया था। प्रो. लाल फिलहाल 100 वर्ष के हो चुके हैं और एएसआइ के सबसे वरिष्ठ पुरातत्वविद् हैं। उन्होंने भारत सरकार, भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान, शिमला में विभिन्न वरिष्ठ क्षमताओं में सेवा की है, साथ ही ग्वालियर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के सदस्य भी रहे हैं।

प्रो. लाल को 1944 में सर मोर्टिमर व्हीलर ने तक्षशिला में प्रशिक्षित किया गया था और बाद में वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में शामिल हो गए। प्रो. लाल ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं पर 20 पुस्तकों और 150 से अधिक शोध लेखों को लिखा है।

डॉ. जितेंद्र नाथ पांडे को मरणोपरांत पद्मश्री

वही, एम्स से सेवानिवृत व मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र नाथ पांडे को मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित करने का फैसला किया गया है। वह कोरोना के दौर में 79 साल की उम्र में भी मरीजों के इलाज में जुटे थे और सीताराम भरतिया अस्पताल में सेवा दे रहे थे। कोरोना से पीड़ित होने के कारण 22 मई 2020 में उनका निधन हो गया था।

वह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। उनका जन्म शिकोहाबाद में हुआ था। वह पल्मोनरी मेडिसिन के डाक्टर थे। उन्होंने वर्ष 1997-98 में दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर शोध पत्र प्रकाशित किया था। इसका जिक्र सुप्रीम कोर्ट ने अपने उस फैसले में किया था, जिसमें दिल्ली में पुरानी बसों की जगह सीएनजी बसें चलाने का आदेश दिया गया था।

डॉ. चंद्रकांत को दिया जाएगा पद्म श्री अवार्ड

एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. चंद्रकांत संभाजी पांडव ने पद्म श्री अवार्ड से नवाज जाने की घोषणा पर खुशी जाहिर की है। वैसे तो लोगों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिसमें से एक महत्वपूर्ण कार्य आयोडीन की कमी (डिफिशिएंसी) से भी जुड़ा है। उन्होंने देश के लोगों में आयोडीन की कमी को दूर करने में अहम भूमिका निभाई। एक समय आयोडीन की कमी से घेघा रोग बहुत सामान्य था।

इसे दूर करने के लिए नमक में आयोडीन की उपलब्धता और आयोडीन युक्त नमक के इस्तेमाल को लेकर कई शोध प्रकाशित किए गए। इसके अलावा उन्होंने पोषण को लेकर भी कई शोध किए हैं और सरकार को सुझाव दिए। उन्होंने जन स्वास्थ्य के विषयों से जुड़े अलग-अलग मामलों में 336 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं।

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