दुष्कर्म के बच कर भाग रही नाबालिग को रास्ते में फिर मिल गए तीन हैवान
आठ अप्रैल 2011 को किशोरी के भाई का ससुर अपनी कंपनी से सूट दिलाने की बात कहकर उसे दिल्ली के वसंत कुंज साउथ थाना क्षेत्र स्थित एक कॉलोनी में ले आया और उससे दुष्कर्म किया।
दिल्ली, जेएनएन। नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट बलवंत राय बंसल की अदालत ने तीन दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। मामला वर्ष 2011 में वसंत कुंज साउथ थाना क्षेत्र का है। अदालत ने दोषियों पर 1.5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया।
जुर्माने की आधी धनराशि पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाएगी। फैसला निर्भया कांड की छठी बरसी से एक दिन पहले आया है। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी इंद्र कुमार ने बताया कि गाजियाबाद की रहने वाली 15 वर्षीय किशोरी वर्ष 2011 में 10वीं कक्षा की छात्रा थी।
आरोप है कि आठ अप्रैल 2011 को किशोरी के भाई का ससुर अपनी कंपनी से सूट दिलाने की बात कहकर उसे दिल्ली के वसंत कुंज साउथ थाना क्षेत्र स्थित एक कॉलोनी में ले आया और उससे दुष्कर्म किया। उस वक्त नवरात्र चल रहे थे और किशोरी ने व्रत रखा था।
दुष्कर्म की शिकार होने के बाद पीड़िता वहां से भागी तो रास्ते में इंडिका कार सवार तीन युवकों को पूरी घटना की जानकारी देते हुए उनसे मदद मांगी। इन्होंने उसे घर छोड़ने की बात कही। आरोप है कि आरोपित बिजेंद्र, प्रवीण, विनोद निवासी सोनीपत कार में उसे द्वारका के पास सुनसान इलाके में ले गए और गाड़ी में तीनों ने दुष्कर्म किया। पीड़िता शौच के बहाने किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर भागी और शोर किया।
इसके बाद मौके पर मौजूद लोगों ने कार सवार बिजेंद्र को पकड़ लिया, जबकि बाकी दोनों फरार हो गए। पीड़िता ने भाई के सुसर व तीनों आरोपितों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। जांच के दौरान पुलिस ने चारों को गिरफ्तार किया। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी इंद्र कुमार के मुताबिक ट्रायल के दौरान आरोपित बिजेंद्र जमानत लेने के बाद फरार हो गया।
अदालत ने सितंबर 2017 में उसे भगोड़ा घोषित करते हुए उसकी फाइल अलग करने के आदेश दिए। अभियोजन की तरफ से 29 गवाह पेश किए गए। डीएनए जांच में भी दुष्कर्म की पुष्टि हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद शनिवार को विशेष अदालत ने पीड़िता के भाई के ससुर, प्रवीण व विनोद को उम्र कैद की सजा सुनाने के साथ जुर्माना भी लगाया। अदालत ने दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी को पीड़िता को पांच लाख रुपये देने के भी आदेश दिए हैं।