कोरोना व फंगस को हराकर एक किडनी और फेफड़े के सहारे जिंदा हैं रंजीत, सर्जरी से बची मरीज की आंख

कोरोना के साथ ही म्यूकरमाइकोसिस (फंगस) के संक्रमण को हराकर गाजियाबाद के रहने वाले 45 वर्षीय रंजीत कुमार सिंह एक किडनी और फेफड़े के सहारे जिंदा हैं। डाक्टरों का दावा है कि कोविड संक्रमण के बाद सर्जरी का दुनिया में ऐसा पहला मामला है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 09:25 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 09:25 PM (IST)
कोरोना व फंगस को हराकर एक किडनी और फेफड़े के सहारे जिंदा हैं रंजीत, सर्जरी से बची मरीज की आंख
गाजियाबाद के रहने वाले 45 वर्षीय रंजीत कुमार सिंह। सौजन्य-अस्पताल

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना के साथ ही म्यूकरमाइकोसिस (फंगस) के संक्रमण को हराकर गाजियाबाद के रहने वाले 45 वर्षीय रंजीत कुमार सिंह एक किडनी और फेफड़े के सहारे जिंदा हैं। सर गंगाराम अस्पताल में सीनियर पल्मोनोलाजिस्ट डा उज्ज्वल पारख के अनुसार पिछले महीने पोस्ट कोविड बीमारी म्यूकरमाइकोसिस मरीज के रूप में रंजीत अस्पताल पहुंचे। उन्हें सांस लेने में कठिनाई, थूक में खून और तेज बुखार था। जांच के बाद हम यह देखकर चौंक गए कि फंगस न केवल उनके बाएं फेंफड़े में बल्कि दाएं गुर्दे और सायनस में भी फैल गया था।

फेफड़े का आधा हिस्सा और दाईं किडनी का पूरा हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका था। साथ ही आगे भी संक्रमण फैलने की आशंका थी। फंगस तेजी से फैलने वाली बीमारी है। इससे अन्य अंगों को भी नुकसान हो सकता है। इसलिए जीवन रक्षक प्रक्रिया के रूप में छह घंटे तक चली जटिल सर्जरी के बाद तुरंत उसके बाएं फेफड़े का आधा हिस्सा और पूरी दाहिनी किडनी को अलग कर मरीज को बचा लिया। साथ ही सायनस की सफाई कर संक्रमण को खत्म कर मरीज की आंख भी बचा ली गई। अगर देरी होती तो मरीज की आंख भी फंगस की चपेट में आ जाती।

आपरेशन के लिए गठित की गईं दो टीमें

आपरेशन के लिए तुरंत डा. की दो टीमें गठित की गयी, जिसमें थोरैसिक सर्जन डा. सब्यसाची बल, वरिष्ठ यूरोलाजिस्ट डा. मनु गुप्ता और डा. उज्जवल पारख शामिल रहे। डा. मनु ने बताया कि सर्जरी के दौरान यह पाया गया कि फंगस लगभग लीवर और बड़ी आंत में तेजी से फैल रहा है। इस प्रकार बड़ी कठिनाई के साथ, निकटवर्ती अंगों को क्षति पहुंचाए बिना गुर्दे को हटाया जा सकता था।

डाक्टरों का दावा है कि कोविड संक्रमण के बाद सर्जरी का दुनिया में ऐसा पहला मामला है। डा.पारख ने बताया कि सर्जरी के बाद मरीज ठीक हो गया है और एंटीफंगल दवाइयां चल रही हैं। लंबे समय तक एंटी फंगल थेरेपी के एक महीने बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई है। मरीज बहुत तेजी से ठीक हो रहा है। साथ ही उसने अपना कामकाज भी शुरू कर दिया है।

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