Ram Mandir, Ayodhya: मंदिर आंदोलन के धुर विरोधियों से भी विश्व हिंदू परिषद लेगा चंदा

मंदिर के लिए धन संग्रह के जरिए अब तक का सबसे बड़ा जन अभियान चलाने जा रही विहिप ने हर तरह के भेदभाव से ऊपर उठकर सबके दरवाजे जाने तथा रामकाज में सहयोग लेने का निर्णय किया है। इसके तहत राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से सहयोग मांगा जाएगा।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 18 Dec 2020 07:59 PM (IST) Updated:Fri, 18 Dec 2020 08:06 PM (IST)
Ram Mandir, Ayodhya: मंदिर आंदोलन के धुर विरोधियों से भी विश्व हिंदू परिषद लेगा चंदा
कांग्रेस, सपा व राजद समेत अन्य दलों के नेताओं से विहिप मांगेगा सहयोग।

नई दिल्ली, नेमिष हेमंत। अयोध्या में सैकड़ाें सालों के इंतजार के बाद ऐतिहासिक राममंदिर के निर्माण में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) मंदिर आंदोलन के धुर विरोधियों से भी सहयोग लेगा। विहिप के नेतृत्व में रामभक्तों की टोली उन सभी के दरवाजे जाएगी और उनसे आर्थिक सहयोग की अरज लगाएगी। मंदिर के लिए धन संग्रह के जरिए अब तक का सबसे बड़ा जन अभियान चलाने जा रही विहिप ने हर तरह के भेदभाव से ऊपर उठकर सबके दरवाजे जाने तथा रामकाज में सहयोग लेने का निर्णय किया है। इसके तहत राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के साथ मंदिर आंदोलन के अगुवाई करने वाली भाजपा से जुड़े नेताओं से आर्थिक सहायता लेने रामभक्त पहुंचेंगे तो कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी व समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव सरीखे उन राजनेताओं से भी खुले दिल से मिलेंगे, जिन्होंने पूर्व में मंदिर आंदोलन तथा मंदिर निर्माण को रूकवाने की हर संभव कोशिशें की थी।

राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से भी मंदिर निर्माण के लिए ली जाएगी आर्थिक सहायता 

विहिप का स्पष्ट मानना है कि यह केवल राम का मंदिर नहीं रहेगा, बल्कि यह "राष्ट्र मंदिर' के रूप में विकसित होगा। यह देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति, सभ्यता व संस्कारों का प्रतिबिंब होगी। यह नए सशक्त व आत्मविश्वास से भरपूर भारत की प्रेरणापुंज बनेगी। इसलिए इसमें सभी प्रकार के भेदभावों व मनमुटाव को दूर करते हुए सबको साथ लाने की आवश्यकता है। यहीं, रामराज्य की संकल्पना है।

विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हमने इस अभियान में सबके दरवाजे जाने का निर्णय किया है। हम उद्योगपतियों से सहायता मांगेंगे तो मजदूर का श्रद्धाभाव से दिए धन से धन्य होंगे। इसी तरह किसी भी दल या विचारधारा से जुड़े हुए व्यक्ति तक जाने का सवाल है तो सभी के दरवाजे जाएंगे। सबकी सहभागिता लेंगे।

बता दें कि वर्ष 1990 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री रहते कारसेवकों पर पुलिस ने गोलियां चलाई थी, जिसमें कई कारसेवकों की मौत हो गई थी। वहीं, कांग्रेस पार्टी राममंदिर के निर्माण को समय-समय पर रोकने का प्रयास करती रही है। इस फेहरिस्त में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव समेत अन्य दलों के नेता भी शामिल हैं।

बता दें कि विहिप का यह श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान अभियान मकर संक्रांति (15 जनवरी) से माघ-पूर्णिमा(27 फरवरी) तक चलेगा। इस सघन अभियान में विहिप कार्यकर्ता देश के चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों से संपर्क कर श्रीराम जन्मभूमि से सीधे जोड़कर रामत्व का प्रसार करेंगे। इस अभियान से सभी को रामत्व में पिरोने की कोशिश होगी। पूरा संघ परिवार इसमें युद्धस्तर पर लगेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत के मार्गदर्शन में स्वयंसेवकों की कोशिश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने की होगी। देश की हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र, भाषा के लोगों के सहयोग के साथ राम मंदिर वास्तव में एक राष्ट्र मंदिर का रूप लेगा।

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