Kisan Andolan: राकेश टिकैत ने वीडियो जारी कर तिरंगा यात्रा को लेकर हरियाणा के किसानों से की ये खास अपील, आप भी जानें
ट्विटर एकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में तिरंगा यात्रा किसानों को बदनाम करने के लिए निकाली जा रही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि जो यात्रा निकाली जा रही है आप उसका विरोध न करें यदि आप उस यात्रा का विरोध करेंगे
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Kisan Andolan: किसान नेता राकेश टिकैत ने अब गाजीपुर बार्डर यूपी गेट से हरियाणा के किसानों से एक नई अपील की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा की तिरंगा यात्रा किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र है। सभी हरियाणा के किसानों से मेरी अपील है कि तिरंगे के सम्मान में 15 अगस्त को देखते हुए कोई भी किसान साथी इस यात्रा का विरोध ना करें। हरियाणा में कार्यक्रम चले हुए हैं उनको करते रहे।
अपने इंटरनेट मीडिया ट्विटर एकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में तिरंगा यात्रा किसानों को बदनाम करने के लिए निकाली जा रही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि जो यात्रा निकाली जा रही है आप उसका विरोध न करें, यदि आप उस यात्रा का विरोध करेंगे तो पार्टी के लोग कहेंगे कि देखो किसान तिरंगा यात्रा का विरोध कर रहे हैं ये लोग देशद्रोही है, पहले भी इन्होंने लाल किले पर तिरंगे का अपमान किया है। ये देश विरोधी काम करते हैं। इस वजह से विरोधियों को कुछ भी कहने का मौका न दें और यात्रा को निकालने दें। तिरंगा देश की शान है। ये नेशनल फ्लैग है।
हरियाणा में भाजपा की तिरंगा यात्रा किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र है। सभी हरियाणा के किसानों से मेरी अपील है कि तिरंगे के सम्मान में 15 अगस्त को देखते हुए कोई भी किसान साथी इस यात्रा का विरोध ना करें हरियाणा में कार्यक्रम चले हुए हैं उनको करते रहे।#FarmersProtest pic.twitter.com/zmHyM78bDp
वीडियो संदेश में राकेश टिकैत ने कहा कि जो उपद्रवी हैं वो इस यात्रा में हमारे ही भेष में आएंगे, तिरंगा यात्रा का विरोध करेंगे।उसके बाद हमें ही बदनाम करेंगे। यदि कोई भी किसान तिरंगा हाथ में ले रहा हैं तो वो उसका सम्मान करें। हम अपनी तिरंगा यात्रा निकालेंगे और मजबूती के साथ निकालेंगे। ट्रैक्टर के साथ निकालेंगे।
मालूम हो कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर बीते 8 माह से किसान धरना देकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके धरने को खत्म करने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है मगर कोई सर्वमान्य हल नहीं निकल सका है। इस बीच संसद के मानसून सत्र में भी किसान विरोध करने के लिए जंतर मंतर पर जाकर किसान संसद लगा रहे हैं। उनके एक विरोध का तरीका ये भी है। इससे पहले कई बार भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ये भी कह चुके हैं कि जब तक कानून वापसी नहीं होगी तब तक धरना दे रहे किसानों की घर वापसी भी नहीं होगी। वो विरोध करते रहेंगे।
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