Rakesh Tikait के लिए 80 किलोमीटर दूर से आया पानी, खाने को मिला अचार के साथ पराठा

Rakesh Tikait बृहस्पतिवार शाम को भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैट का भावुक होकर रोना खासकर उत्तर प्रदेश के किसानों को भी द्रवित कर गया। राकेश टिकैत के आंसुओं ने धरना-प्रदर्शन में जान फूंकने का काम किया।

By JP YadavEdited By: Publish:Sun, 31 Jan 2021 07:00 PM (IST) Updated:Mon, 01 Feb 2021 07:48 AM (IST)
Rakesh Tikait के लिए 80 किलोमीटर दूर से आया पानी, खाने को मिला अचार के साथ पराठा
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की फाइल फोटो।

नई दिल्ली/गाजिायाबाद, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली-यूपी बॉर्डर (गाजीपुर बॉर्डर) पर बृहस्पतिवार शाम को नाटकीय घटनाक्रम के दौरान आंखों में आंसू भरकर किसान आंदोलन को नया मोड़ देने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के लिए मदद के रूप मटकों में पानी, पराठे के साथ अचार भी आ रहा है। राकेश टिकैत के भावुक हो कर रोने के बाद बृहस्पतिवार रात से ही गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शनिवार को जहां राकेश टिकैत के लिए शामली जिले से मटकों में पानी आया तो पराठा, छाछ और अचार लेकर पर किसान धरना स्थल पर पहुंचे। दरअसल, बृहस्पतिवार शाम को भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैट का भावुक होकर रोना खासकर उत्तर प्रदेश के किसानों को भी द्रवित कर गया। राकेश टिकैत के आंसुओं ने धरना-प्रदर्शन में जान फूंकने का काम किया। कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे राकेश टिकैत के लिए शनिवार को 80 किलोमीटर दूर शामली जिले से मिट्टी के घड़े में पानी लाया गया था। इसके अलावा उनके खाने के लिए पराठा और छाछ के साथ अचार लेकर महिलाएं और पुरुष गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। रविवार को भी दिल्ली से सटे बड़ौत से किसान गाड़ियों में दूध, छाछ, सब्जी और फल लेकर गाजीपुर पहुंचे। किसानों का कहना है कि वह किसानों की मदद के लिए यहां खाने-पीने का सामान गाजीपुर बॉर्डर भेजते रहेंगे।

गाजियाबाद से आया अचार

मिली जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद के एक गांव से पराठे, पानी और अचार आया। एक अनाम लड़का टिफिन में लेकर अचार, पराठी और बोतल में पानी लेकर आया था। वहीं, राकेश टिकैत ने इस लड़के को निराश नहीं किया। उन्होंने न केवल अचार के साथ पराठे के लुत्फ उठाए, बल्कि उस लड़के को जीभर कर आशीर्वाद भी दिया।

ऐसे लौटी आंदोलन में जान

दरअसल, बृहस्पतिवार शाम को राकेश टिकैत ने धरना प्रदर्शन खत्म करने का मना बना लिया था। गाजियाबाद जिला प्रशानस के साथ राकेश टिकैत की धरना खत्म करने को लेकर बातचीत चल ही रही थी कि अचानक मांगेराम नाम के शख्स ने बताया कि लोनी के विधायक नंद किशोर गुर्जर किसानों को पिटवाने की साजिश रच रहे हैं। यह सुनकर राकेश टिकैत भावुक हो गए और रोने लगे थे। इस दौरान सख्त हुए राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन खत्म करने की बजाय वो आत्महत्या कर लेंगे। राकेश टिकैत ने इस दौरान मीडिया के समक्ष यह भी आरोप लगाया कि किसान आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है।

गौरतलब है कि राकेश टिकैत टिकैत के बयान लगातार मीडिया और इंटरनेट मीडिया छाए हुए हैं। किसान नेता राकेश टिकैत लगातार ट्वीटर पर भी सक्रिय होकर लोगों से जुड़ रहे हैं। उन्होंने एक ट्वीट में कहा है- 'किसी को हताश होने की जरूरत नहीं,किसान को कमजोर होने की जरूरत नहीं, षड्यंत्र था उस षड्यंत्र से किसान निकल चुका है एक षड्यंत्र था किसानों का मनोबल डाउन करने का, किसानों का मनोबल कम नहीं होगा किसान मजबूती के साथ लड़ेगा, किसान जीत के जाएगा किसान हार के नहीं जाएगा, किसान जीतेगा।' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है- 'हम जमीन के आदमी हैं, जिसने आंदोलन को मिट्टी में दफन करने की कोशिश करी, किसान ने वही से आंदोलन और तेज कर दिया, हम मिट्टी से अन्न उपजाने वाले लोग हैं, हम तो 400 फुट जमीन के नीचे से पानी पैदा करते हैं, बोरिंग कर आंदोलन वहीं से उठा दिया, लड़ेंगे जीतेंगे' एक और ट्वीट में उन्होंने किसानों का उत्साह बढ़ाते हुए लिखा है- 'देश की आजादी की लड़ाई है यह किसान के आजादी की लड़ाई है, देश का किसान ना कमजोर है ना होगा।'

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