पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाबी विषय को माइनर श्रेणी में रखे जाने का विरोध किया, जानिए जवाब में सीबीएसई ने क्या कहा
सीबीएसई ने ये बयान पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा पंजाबी विषय को माइनर श्रेणी में शामिल करने के विरोध के बाद जारी किया। बोर्ड ने कहा कि विषयों का वर्गीकरण करना पूरी तरह से प्रशासनिक फैसला है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की टर्म एक की परीक्षाओं में पंजाबी को माइनर श्रेणी में इसलिए रखा गया क्योंकि वो एक क्षेत्रीय भाषा है। सभी क्षेत्रीय भाषाएं माइनर श्रेणी में ही शामिल की गई हैं। सीबीएसई ने ये बयान पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा पंजाबी विषय को माइनर श्रेणी में शामिल करने के विरोध के बाद जारी किया। बोर्ड ने कहा कि विषयों का वर्गीकरण करना पूरी तरह से प्रशासनिक फैसला है, जो विषय में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों की संख्या के आधार पर तय हुआ है।
बोर्ड ने कहा कि विषयों को माइनर और मेजर के रूप में वर्गीकृत करना परीक्षा आयोजित करने के उद्देश्य से किया गया है। ये वर्गीकरण किसी भी तरह से विषयों के महत्व को नहीं दर्शाता है। अकादमिक दृष्टि से हर एक विषय समान रूप से महत्वपूर्ण है।
चूंकि पंजाबी क्षेत्रीय भाषाओं में से एक है इसलिए बोर्ड ने परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रशासनिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए इसे माइनर श्रेणी में रखा है। उल्लेखनीय है कि चन्नी ने ट्वीट कर कहा था कि पंजाबी को मुख्य विषयों से बाहर रखना संविधान की संघीय भावना के खिलाफ है, पंजाबी युवाओं के अपनी मूल भाषा सीखने के अधिकार का उल्लंघन है।