HC का दिल्ली पुलिस को निर्देश, सीबीआइ का रुख स्पष्ट होने तक जारी रखें अभिषेक वर्मा की सुरक्षा
न्यायमूर्ति योगेश वर्मा की पीठ ने वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सुरक्षा तब तक जारी रखी जाए जब तक दंगे की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी (Central investigation agency) अभिषेक को गवाह बनाए जाने को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं कर देती है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में गवाह व विवादित हथियार सौदागर अभिषेक वर्मा व उनके परिवार को दी जा रही सुरक्षा जारी रखने का हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति योगेश वर्मा की पीठ ने वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सुरक्षा तब तक जारी रखी जाए, जब तक दंगे की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी (Central investigation agency) अभिषेक को गवाह बनाए जाने को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं कर देती है।
दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ ने यह निर्देश तब दिए जब सीबीआइ ने अदालत में कहा कि वह दंगे में हुई मौत के मामले की जांच अभी भी जारी रखे हुए है और यह नहीं कह सकती कि इस मामले में अभिषेक वर्मा को बतौर गवाह पेश करेगी या नहीं। इसके बाद पीठ ने पुलिस को निर्देश देने के साथ वर्मा की अवमानना याचिका का निपटारा कर दिया। अभिषेक वर्मा ने दक्षिण दिल्ली के अतिरिक्त उपायुक्त एवं उपायुक्त के खिलाफ हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी।
अभिषेक वर्मा को पूर्व में उनकी व उनके परिवार की 24 घंटे सुरक्षा के लिए तीन पुलिसकर्मी उपलब्ध कराए गए थे। 28 सितंबर को एक अन्य एकल पीठ ने भी पुलिस को वर्मा की सुरक्षा जारी रखने का निर्देश दिया था। वर्मा की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा था कि पुलिस अधिकारियों ने निचली अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए सुरक्षा नहीं दी है।
उन्होंने मांग की थी कि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई के लिए अंतरिम आदेश पास किया जाए। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षक द्वारा हत्या करने के बाद पुल बंगश गुरुद्वारा में एक नवंबर 1984 को तीन लोगों की हत्या की जांच सीबीआइ दोबारा से कर रही है।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो