दीवाली के आसपास बढ़ेगी अस्थमा के मरीजों की परेशानी, अभी से हो जाएं होशियार

घरों में दीवाली की साफ-सफाई के बीच सांस की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए इन दिनों चुनौती बढ़ गई है। मणिपाल अस्पताल में श्वास रोग विशेषज्ञ डा. पुनीत खरना बताते हैं कि इस समय मौसम बदल रहा है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 02:38 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 02:38 PM (IST)
दीवाली के आसपास बढ़ेगी अस्थमा के मरीजों की परेशानी, अभी से हो जाएं होशियार
इस दौरान बाहर के साथ घर के अंदर भी प्रदूषण बढ़ जाता है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। घरों में दीवाली की साफ-सफाई के बीच सांस की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए इन दिनों चुनौती बढ़ गई है। मणिपाल अस्पताल में श्वास रोग विशेषज्ञ डा. पुनीत खरना बताते हैं कि इस समय मौसम बदल रहा है और दीवाली के आसपास हर साल अस्थमा के मरीजों की परेशानियां थोड़ी बढ़ जाती है, क्योंकि इस दौरान बाहर के साथ घर के अंदर भी प्रदूषण बढ़ जाता है।

यही कारण है कि इन दिनों ओपीडी में अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। डा. पुनीत का मानना हैं कि धूल-मिट्टी ही प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं है बल्कि मच्छर रोधी काइल से होने वाला धुआं भी अस्थमा मरीजों की परेशानी को बढ़ाता है। थोड़ी सतर्कता अस्थमा मरीजों को राहत प्रदान कर सकती है। मौसम बदल रहा है, ऐसे में ठंडी व खट्टी चीजों से परहेज करें ताकि खांसी की शिकायत न हो। इसके अलावा घर में वेंटिलेशन का ध्यान रखें।

दीवाली पर दीपक जलाने के बाद कोशिश करें कि उन्हें घर के बाहर रख दें और यदि घर के अंदर रख रहे हैं तो खिड़की-दरवाजों को खुला रखें। साथ ही दवाओं को समय पर लें और जरूरत पड़ने पर चिकित्सीय सलाह लें। अपने इनहेलर को हमेशा अपने साथ रखें। इसके अलावा घर में साफ-सफाई के दौरान मास्क का प्रयोग करें। घर के बाहर जाते समय भी मास्क ठीक से लगाएं।

(डा पुनीत खरना- श्वास रोग विशेषज्ञ डा. पुनीत खरना के अनुसार इस समय मौसम के बदलाव के कारण भी सचेत रहें मरीज)

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