स्वास्थ्य विभाग की नई नीति से संकट में दादरी के कई निजी अस्पताल Noida News

स्वास्थ्य विभाग की नई नीति ने दादरी क्षेत्र में चल रहे निजी अस्पतालों को संकट में डाल दिया है। दादरी नगर के दर्जनों निजी अस्पताल 20-30 वर्ष पहले बने हैं।

By Edited By: Publish:Tue, 02 Jul 2019 08:05 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jul 2019 03:43 PM (IST)
स्वास्थ्य विभाग की नई नीति से संकट में दादरी के कई निजी अस्पताल Noida News
स्वास्थ्य विभाग की नई नीति से संकट में दादरी के कई निजी अस्पताल Noida News

नोएडा, जेएनएन। उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की नई नीति ने दादरी क्षेत्र में चल रहे निजी अस्पतालों को संकट में डाल दिया है। करीब पांच माह से नए सत्र में अस्पतालों के लाइसेंस का नवीनीकरण न होने से संचालकों की नींद उड़ी हुई है। अस्पताल संचालक लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए विभाग के चक्कर काट रहे हैं।

संचालकों का कहना है कि दादरी नगर में स्वास्थ्य विभाग की पुरानी नीति के मानकों के आधार पर बने हैं। पांच माह पहले बनी स्वास्थ्य विभाग की नई नीति के अनुसार कोई भी शर्त पूरी नहीं हो सकती, इसलिए अस्पतालों का लाइसेंस नवीनीकरण न होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

दादरी नगर के दर्जनों निजी अस्पताल 20-30 वर्ष पहले बने हैं। अब यह सभी अस्पताल आबादी के व्यस्ततम क्षेत्र में आ चुके हैं। अब इन अस्पतालों में अग्निमशन विभाग और अन्य मानकों को पूरा करना असंभव है। अधिकांश बड़े अस्पताल रेलवे रोड व जीटी रोड पर संचालित हो रहे हैं। रेलवे रोड स्थित नवीन अस्पताल के प्रभारी अजीत सिंह ने बताया कि शहर के अधिकतर अस्पताल कई वर्ष पहले बने थे।

स्थापना के दौरान अस्पताल बनाने के लिए अग्निशमन विभाग से प्रमाण पत्र लेना पड़ता था, उस समय वह प्रमाण पत्र लिया गया था। जरूरत के हिसाब से अस्पताल का निर्माण होता रहा। आज अस्पताल घनी आबादी के बीच आ चुका है। अब स्वास्थ्य विभाग की नई नीति के अनुसार नियमों का पालन करना मुश्किल है। हम मार्च से अस्पताल के लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं होने से परेशानी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन को कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए, ताकि अस्पताल संचालकों को राहत मिल सके।

यह है स्वास्थ्य विभाग की नई नीति
उप्र स्वास्थ्य विभाग की नई नीति के अनुसार अस्पताल परिसर के चारों तरफ खाली स्थान होना चाहिए। आग से बचाव के लिए अस्पताल में पाइप लगे होने चाहिए। अग्निशमन विभाग के सभी मानकों को पूरा करते हुए विभाग से अनापत्ति प्रमाण लेना होगा, तभी स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल के लिए लाइसेंस नवीनीकरण हो पाएगा।

दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक

chat bot
आपका साथी