रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान के बारें में जागरुक करेंगे प्रधानाचार्य, स्कूली बच्चे भी जुड़ेंगे

शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी स्कूलों के परिपत्र जारी करते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ सालों से दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने के लिए बहुत से कदम उठाए हैं। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण वायु प्रदूषण का असर ज्यादा रहेगा।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Tue, 17 Nov 2020 06:48 PM (IST) Updated:Tue, 17 Nov 2020 06:48 PM (IST)
रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान के बारें में जागरुक करेंगे प्रधानाचार्य, स्कूली बच्चे भी जुड़ेंगे
दिल्ली में रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ से अब स्कूली छात्र भी जुड़ेंगे। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली।  दिल्ली में वायु प्रदू्षण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए गए अभियान रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ से अब स्कूली छात्र भी जुड़ेंगे। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी स्कूलों के परिपत्र जारी करते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ सालों से दिल्ली में वायु प्रदूषण रोकने के लिए बहुत से कदम उठाए हैं। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण वायु प्रदूषण का असर ज्यादा रहेगा। 

निदेशालय के मुताबिक अब इस अभियान से जितने ज्यादा छात्र जुड़ेंगे उतना ही ये अभियान सार्थक होगा। इसके लिए निदेशालय ने प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया है कि वह वाट्सएप समूहों और ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से सभी एसएमसी सदस्यों, शिक्षकों, छात्रों और उनके अभिभावकों को इस अभियान के बारें में जागरूक करें। इसके साथ ही उन्हें उनके अपनेे आस-पास रहने वाले लोगों को इस अभियान के बारें में जागरूक करने को कहें। 

शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय ने परिपत्र जारी कर सभी प्रधानाचार्यों से कहा कि गाड़ियों से होने वाले वायु प्रदूषण से इंसानों के साथ जानवरों के जीवन पर भी असर पड़ता है। कोरोना से पीड़ित रोगियों के लिए ताजी हवा बहुत जरूरी है। लेकिन गाड़ियों से निकलने वाले वायु प्रदूषण की वजह से हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। जिसे सुधारना बहुत जरूरी हो गया है। उनके मुताबिक दिल्ली मे एक करोड़ वाहन पंजीकृत हैं। इन वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान की शुरुआत की है। 

ताकि लाल बत्ती होने पर लोग अपने वाहन बंद करना शुरू कर दें। जिससे वायु प्रदूषण में करीब 15-20 फीसद की कमी आएगी। इस अभियान के बाद भी कई लोग अनावश्यक रूप से रोजाना 15-20 मिनट के लिए लाल बत्ती पर पेट्रोल जलाते हैं। ऐसे में स्कूलों में इस अभियान को शुरू करने की बहुत आवश्यकता थी, ताकि घर-घर तक इस अभियान को लेकर जागरूकता बढ़े। 

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