चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज को मिलेगी अग्रिम जमानत या जाना पड़ेगा जेल, 20 सितंबर को आएगा फैसला

दुष्कर्म मामला लोजपा सांसद प्रिंस राज की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित - राउज एवेन्यू कोर्ट सोमवार को सुनाएगी फैसला पुलिस ने किया है प्रिंस की अग्रिम जमानत याचिका का पुलिस - पुलिस ने की है हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अनुमति देने की मांग जागरण संवाददाता नई दिल्ली

By Jp YadavEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 01:51 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 01:53 PM (IST)
चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज को मिलेगी अग्रिम जमानत या जाना पड़ेगा जेल, 20 सितंबर को आएगा फैसला
चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज को मिलेगी अग्रिम जमानत या जाना पड़ेगा जेल, 20 सितंबर को आएगा फैसला

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दुष्कर्म मामले में आरोपित बनाए गए लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद प्रिंस राज की अग्रिम जमानत याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।  अब सोमवार को तय हो जाएगा कि प्रिंस राज को अग्रिम जमानत मिलेगी या फिर उन्हें जेल जाना पड़ सकता है, क्योंकि युवती से दुष्कर्म का मामला है।

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल सोमवार को इस पर अपना फैसला सुनाएंगे। बृहस्पतिवार को प्रिंस राज की याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अदालत से मांग की थी। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल के समक्ष पुलिस ने कहा था कि शिकायर्तकर्ता के दावे के तहत आपत्तिजनक कंटेंट वाले वीडियो को बरामद करने के लिए प्रिंस को हिरासत में लेने की जरूरत है।

वहीं, प्रिंस की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा व अधिवक्ता नितेश राणा ने पुलिस की दलील का विरोध करते हुए दावा किया था कि यह मामला हनी-ट्रैप व वसूली से जुड़ा है। प्रिंस राज ने नौ सितंबर को दुष्कर्म मामले में एफआइआर दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी पर सुरक्षा की मांग करते हुए अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि शिकायतकर्ता महिला अपने एक साथी के साथ मिलकर उनसे रुपये वसूल करने के लिए झूठा आरोप लगा रही है। इतना ही नहीं शिकायकर्ता व उसका पुरुष मिश्र वर्ष 2020 से प्रिंस राज को ब्लैकमेल करके वसूली कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी दावा किया पीड़िता ने उनसे एक करोड़ रुपये की मांग की थी और ऐसा नहीं करने पर झूठा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी भी दी थी। इस संबंध में दस फरवरी को संसद मार्ग थाने में इस संबंध में एक एफआइआर दर्ज हुई थी और दोनों को अग्रिम जमानत मिली थी।

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