In Pics: 15 वर्षों में पहली बार भारत के राष्ट्रपति ट्रेन में हुए सवार, जानिए Presidential Train की खास बातें
राष्ट्र्पति रामनाथ कोविन्द अपनी पत्नी के साथ शुक्रवार को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेटशन से एक विशेष ट्रेन से कानपुर देहात स्थित अपने पैतृक गांव परौंख के लिए रवाना हुए। पिछले लगभग 18 वर्षों के बाद पहली बार किसी राष्ट्रपति ने रेल से यात्रा की है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। राष्ट्र्पति रामनाथ कोविन्द अपनी पत्नी के साथ शुक्रवार को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेटशन से एक विशेष ट्रेन से कानपुर देहात स्थित अपने पैतृक गांव परौंख के लिए रवाना हुए। राष्ट्र पति बनने के बाद अपने गांव का उनका पहला दौरा है। पिछले लगभग 15 वर्षों के बाद पहली बार किसी राष्ट्रपति ने रेल से यात्रा की है। आजादी के बाद से राष्ट्रपति की रेल यात्रा के लिए विशेष सेलून का प्रयोग किया जाता था। वर्षों से इसका उपयोग नहीं होने की वजह से राष्ट्रपति के निर्देश पर इसे कुछ वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया।
इससे सेलून के सालाना नवीनीकरण और रख-रखाव पर होने वाले करोड़ों रुपये की बचत हुई। कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर रेल प्रशासन ने राष्ट्रपति से ट्रेन से यात्रा करने का अनुरोध किया और सफदरजंग रेलवे स्टेशन से उनके पैतृक गांव के लिए एक महाराजा एक्सप्रेस को विशेष ट्रेन (प्रेजिडेंसियल ट्रेन) चलाई गई।
यह विशेष ट्रेन कानपुर देहात के झींझक व रूरा रेलवे स्टेजशनों पर ठहरेगी जहां राष्ट्र पति अपने परिचितों से मुलाकात करेंगे। 28 जून को राष्ट्र पति कानपुर रेलवे स्टेवशन से लखनऊ के दो दिवसीय दौरा पर रवाना होंगे। 29 जून को वे वापस दिल्ली लौटेंगे।
इस मौके पर रेलमंत्री पीयूष गोयल, रेलवे बोर्ड के अध्यंक्ष सुनीत शर्मा, उत्त्र रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल, दिल्लीे मंडल के मंडल रेल प्रबंधक एससी जैन सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
राष्ट्रसपति ने कहा कि कोरोना महामारी के पश्चांत भारतीय रेलवे का विशाल नेटवर्क बहुत जल्द ही देश के आर्थिक गौरव को फिर से हासिल करने में सहायक होगा।
(गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से गुजरी हुए स्पेशल ट्रेन)
महाराजा ट्रेन में उपलब्ध सुविधाएं
महाराजा ट्रेन विशेष पर्यटन ट्रेन है। प्रत्येक कोच अलग-अलग राज्यों की पेंटिंग से सजाया गया है। ट्रेन में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है। इसमें एक ड्राइंग रूम, डाइनिंग हाल के साथ आरामदेह शयन कक्ष भी है। रसोई घर में आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। सुरक्षा के लिहाज से भी इसके कोच बेहतर हैं।
(गाजियाबाद के इस्लाम नगर के पास से होकर गुजरती वीआईपी सुरक्षा के लिए स्पेशल ट्रेन।)