State Of India Environment 2021: उद्योगों के रास्ते शहरों में तेजी से फैल रहा प्रदूषण

State Of India Environment 2021 किसी भी नए औद्योगिक प्रोजेक्ट को बहुत आसानी से एन्वायरमेंट क्लीयरेंस मिल जाती है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2014 से 2020 के बीच ऐसे 88 फीसद प्रोजेक्ट को अनापत्ति प्रमाण जारी किए गए।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 12:09 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 12:10 PM (IST)
State Of India Environment 2021: उद्योगों के रास्ते शहरों में तेजी से फैल रहा प्रदूषण
2014 से 2020 के बीच ऐसे 88 फीसद प्रोजेक्ट को अनापत्ति प्रमाण जारी किए गए।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। State Of India Environment 2021 उद्योगों के रास्ते भी शहरों में तेजी से प्रदूषण फैल रहा है। न केवल हवा और पानी दूषित हो रहे है, बल्कि भूमि की उर्वरता भी प्रभावित हो रही है। आलम यह है कि देश की राजधानी ही इस दृष्टि से सर्वाधिक प्रदूषित है। मथुरा, कानपुर, बुलंदशहर और तारापुर में भी तेजी से प्रदूषण बढ़ रहा है। 2009 से 2018 के मध्य तो यह स्थिति बहुत तेजी से बिगड़ी है। ये तथ्य सामने आए हैं सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की ‘स्टेट आफ इंडियाज एन्वायरमेंट- 2021’ रिपोर्ट से। औपचारिक रूप से यह रिपोर्ट गुरुवार शाम देश के 65 स्थानों पर एक साथ जारी की जाएगी।

88 औद्योगिक कलस्टर की स्थिति खराब

यह रिपोर्ट बताती है कि देश भर में 88 औद्योगिक कलस्टर हैं। प्रदूषण के लिहाज से इनकी स्थिति साल दर साल बिगड़ती जा रही है। खासकर 2009 से 2018 तक एक दशक में इन सभी कलस्टरों में वायु, जल एवं भूमि तीनों ही तरह के प्रदूषण में बड़े पैमाने पर इजाफा हुआ है। 88 में से 35 कलस्टर तो ऐसे हैं, जहां ओवरआल गिरावट आई है। दिल्ली का नजफगढ़ ड्रेन बेसिन हर दृष्टि से प्रदूषित हो रहा है। इन सभी के सीईपीआइ (काम्प्रीहेंसिव एन्वायरमेंट पल्यूशन इंडेक्स) स्कोर में बड़ी वृद्धि देखी गई है।

33 में वायु प्रदूषण और 45 में जल प्रदूषण बढ़ा

इन औद्योगिक कलस्टरों का ब्रेकअप निकालें तो 33 कलस्टरों में वायु प्रदूषण बढ़ा है, जबकि 45 में जल प्रदूषण में इजाफा देखा गया। 17 कलस्टर वे हैं, जहां की भूमि उर्वरता में खासी कमी आई है। आबोहवा में यह गिरावट पंजाब, हरियाणा, उप, राजस्थान, झारखंड, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, इत्यादि ज्यादातर राज्यों में देखने को मिली है। सीएसई की रिपोर्ट बताती है कि प्रदूषण में वृद्धि की एक प्रमुख वजह प्रशासनिक लापरवाही है। 

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