पुलिसकर्मियों ने प्रापर्टी डीलर को अगवा कर वसूले साढ़े छह लाख, रकम न देने पर मुठभेड़ करने की दी धमकी
आरोप है सकुशल छोड़ने की एवज में 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी। तीन घंटे तक पीड़ित को सड़कों पर घुमाते रहे। पीड़ित ने किसी तरह से करीब साढ़े छह लाख रुपये की रकम का इंतजाम किया। रकम मिलने के बाद पुलिसकर्मी कारोबारी को छोड़कर फरार हो गए।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। मंडावली थाने में तैनात तीन पुलिसकर्मियों ने पूरे महकमे का सिर शर्म से झुका दिया है। दो हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल ने एक प्रापर्टी डीलर को करवाचौथ वाले दिन क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर कार में अगवा कर लिया। आरोप है सकुशल छोड़ने की एवज में 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी। तीन घंटे तक पीड़ित को सड़कों पर घुमाते रहे। पीड़ित ने किसी तरह से करीब साढ़े छह लाख रुपये की रकम का इंतजाम किया। रकम मिलने के बाद पुलिसकर्मी कारोबारी को छोड़कर फरार हो गए।
पीड़ित राकेश चौधरी पुलिस मुख्यालय में जाकर संयुक्त पुलिस आयुक्त सागर प्रीत हुड्डा से मिले। सुबूत के तौर पर राकेश ने कुछ सीसीटीवी फुटेज उन्हें दिखाए, जिसके बाद जिला पुलिस उपायुक्त प्रियंका कश्यप ने हेड कांस्टेबल प्रेमपाल, राजीव मलिक और कांस्टेबल दीपक को लाइन हाजिर कर दिया। इसके साथ थानाप्रभारी कश्मीरी लाल को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हालांकि, पीड़ित की शिकायत पर कोई केस दर्ज नहीं किया गया है।
छह के बजाय तीन पर ही हुई कार्रवाई
पीड़ित ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया है कि छह पुलिसकर्मियों ने वारदात को अंजाम दिया है। रविवार दोपहर को एक सफेद रंग की सेंट्रो कार से छह लोग पांडव नगर में उनके घर के पास आए, एक ने वर्दी पहनी हुई थी बाकी सादे कपड़ों में थे। घर के पास बने पार्क के बाहर उनका कर्मचारी खड़ा हुआ था, जिसे उन्होंने जबरन अपनी कार में बैठाया। उसके साथ चार लोग कार में बैठे, बाकी दो वहीं खड़े रहे। वह लोग कर्मचारी को लेकर मयूर विहार फेज-तीन में उनके पास पहुंचे।
पुलिसकर्मियों ने खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताया और झूठे मुकदमे में फंसाने की बात कहकर 20 लाख रुपये की रकम मांगी। यहां कर्मचारी को छोड़कर राकेश चौधरी को कार में बैठा लिया। आरोप है रास्ते में मुठभेड़ में मारने की धमकी देने लगे। पीड़ित ने शिकायत में कहा है कि जिस वक्त पुलिसकर्मियों ने उन्हें अगवा किया, उस दौरान उनकी पत्नी का करवाचौथ की पूजा के लिए फोन आ रहा था। वह चाहकर भी परिवार को अगवा होने की बात नहीं बता पाए।
पीड़ित ने फोन के जरिये अपने तीन परिचितों से साढ़े छह लाख रुपये का इंतजाम किया। पुलिसकर्मी उनके साथ गए। जगह-जगह से रकम उठाई। इसके बाद उन्हें वापस मयूर विहार लेकर गए, वहां रकम गिनी और उसके बाद उन्हें छोड़ा। लेकिन इस मामले में सिर्फ तीन पुलिसकर्मियों पर ही कार्रवाई की गई है।
अधिकारी ने कहा
मामले की जांच चल रही है और जांच में जो सामने आएगा उसके अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रियंका कश्यप, जिला पुलिस उपायुक्त पूर्वी जिला।