Delhi: वीवीआइपी काफिले में शामिल पुलिस के जवान अपने पास नहीं रख सकेंगे मोबाइल फोन
सिक्योरिटी यूनिट के विशेष आयुक्त आइडी शुक्ला ने आदेश जारी कर मोबाइल फोन रखने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। मोबाइल फोन की वजह से पुलिसकर्मियों का ध्यान न भटके इसलिए यह नियम बनाया गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वीवीआइपी काफिले और रूट पर किसी भी तरह की लापरवाही की गुंजाइश न रहे, इसके लिए सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन कराने का आदेश जारी हुआ है। खासतौर से मोबाइल फोन को लेकर एक बार फिर आदेश जारी किया गया है। अक्सर ऐसे मामले सामने आए जब वीवीआइपी के सुरक्षा काफिले में शामिल व रूट पर तैनात सिक्योरिटी यूनिट के पुलिसकर्मी अपने पास मोबाइल फोन रखते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सिक्योरिटी यूनिट के विशेष आयुक्त आइडी शुक्ला ने आदेश जारी कर मोबाइल फोन रखने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। मोबाइल फोन की वजह से पुलिसकर्मियों का ध्यान न भटके, इसलिए यह नियम बनाया गया है।
यूनिट के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि वीवीआइपी की सुरक्षा ड्यूटी में यह प्रविधान है कि सुरक्षा काफिले में चलने के दौरान व रूट पर तैनात पुलिसकर्मी अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखेंगे। इसके बावजूद अधिकतर पुलिसकर्मी अपने पास फोन रख लेते थे।
कई बार पकड़े जाने पर कार्रवाई भी हो चुकी है। रूट पर तैनाती और काफिले में दो से चार घंटे की ड्यूटी लगती है। वह समय बहुत ही संवेदनशील होता है। ऐसे में सुरक्षा कर्मियों को बेहद चौकस रहने की जरूरत होती है। ऐसे में इस नियम का सख्ती से पालन कराने के लिए आदेश जारी हुआ है। ड्यूटी के दौरान सभी कर्मी अपना मोबाइल फोन स्विच आफ कर इंचार्ज के पास जमा कराएंगे। वीवीआइपी के आवास पर तैनात पैरा मिलिट्री के जवानों को भी आठ घंटे की शिफ्ट के दौरान अपने प्रभारी की निगरानी में सीमित समय तक विशेष परिस्थिति में स्वजन व अन्य से मोबाइल से बातचीत करने की इजाजत मिलती है।
सुरक्षा का बड़ा है दायरा
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री समेत सभी केंद्रीय मंत्रियों की सुरक्षा में केंद्रीय बलों के अलावा दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी यूनिट भी तैनात रहती है। साथ ही उपराज्यपाल, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की सुरक्षा में भी तैनाती होती है।
इसके अलावा दिल्ली आने वाले किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और दूसरे देशों से दिल्ली आने वाले राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री आदि को भी सुरक्षा प्रदान करती है। इस यूनिट में करीब आठ हजार कर्मी व अधिकारी तैनात हैं। इस यूनिट के पास बड़ी संख्या में बुलेटप्रूफ वाहनों के अलावा पर्याप्त संसाधन हैं।