पुलिस ने दीप सिद्धू की जमानत याचिका का किया विरोध, 15 अप्रैल को तीस हजारी अदालत सुनाएगी फैसला

किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान 26 जनवरी को हुई हिंसा के मुख्य आरोपी दीप सिद्धू की जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया है। पुलिस ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीलोफर आबिदा परवीन के समक्ष दलील दी कि मामले में अभी जांच चल रही है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 06:34 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 06:34 PM (IST)
पुलिस ने दीप सिद्धू की जमानत याचिका का किया विरोध, 15 अप्रैल को तीस हजारी अदालत सुनाएगी फैसला
गणतंत्र दिवस पर लालकिला के अंदर हिंसा का मुख्य आरोपित है दीप सिद्धू।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान 26 जनवरी को हुई हिंसा के मुख्य आरोपी दीप सिद्धू की जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया है। पुलिस ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीलोफर आबिदा परवीन के समक्ष दलील दी कि मामले में अभी जांच चल रही है और अगर दीप को जमानत दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित करने के साथ ही सुबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है।
पुलिस ने कहा कि लालकिले में हुई हिंसा के वीडियो में सिद्धू को लाल किले के रैंप पर देखा गया और वह झंडा फहराने के लिए अन्य आरोपित जुगराज सिंह को प्रेरित कर रहा था। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और 15 अप्रैल को अदालत फैसला सुनाएगी।
पुलिस ने कहा इतना ही नहीं वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि सिद्धू वहां नारेबाजी कर रहा था और अन्य प्रदर्शनकारी उसका साथ दे रहे था। वहीं, दीप सिद्धू ने अपनी दलील में कहा था कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है, जिससे पता चल सके कि उसने हिंसा के लिए लोगों को भड़काया। उसने यह भी कहा कि किसान ट्रैक्टर परेड के लिए किसान नेताओं द्वारा आह्वान किया गया था।
दीप सिद्धू तो किसान यूनियन का सदस्य नहीं है। दीप ने लाल किले में जाने के लिए कोई कॉल भी नहीं किया। दीप के अधिवक्ता ने दलील दी थी कि दीप ने दिल्ली में हिंसा का एक भी काम नहीं किया है और हिंसा भड़कने से पहले ही वह आंदोलन से अलग हो गया था। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान लालकिला पर हुई हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए सिद्धू को 23 फरवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
chat bot
आपका साथी