PM मोदी का न्यू ईयर गिफ्ट, दिल्ली के 2 करोड़ लोगों को जल्द मिलेगा अपना ये हक
यूं तो हर दिल्लीवासी को पैदल चलने का हक है। इसके लिए फुटपाथ, जेबरा क्रॉसिंग, सब-वे और फुट ओवरब्रिज भी बनाए गए हैं। प्रशासनिक लापरवाही के कारण जनता को यह हक नहीं मिल पा रहा है।
नई दिल्ली, [संजीव गुप्ता]। जेएनएन। सड़क पर पैदल चलने का हक सभी को है। पीएम की पहल पर जल्द ही दिल्लीवासी एक बार फिर से अपना पैदल चलने का हक वापस पा सकेंगे। हैरान मत होइए, आइए जानते हैं दिल्ली में पैदल चलने को लेकर क्या है खबर। प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआइयूए) ने एक नीति तैयार की है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) अब इस नीति पर दिल्ली के सभी संबंधित विभागों से सुझाव और प्रतिक्रिया लेगा। इसके बाद उपराज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह नीति लागू हो जाएगी।
लापरवाही के कारण बढ़ रही पैदल यात्री हो रहे हादसे का शिकार
यूं तो हर दिल्लीवासी को पैदल चलने का हक है। इसके लिए फुटपाथ, जेबरा क्रॉसिंग, सब-वे और फुट ओवरब्रिज भी बनाए गए हैं। लेकिन, कहीं-कहीं प्रशासनिक लापरवाही के कारण जनता को यह हक नहीं मिल पा रहा है। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017 के दौरान सड़क हादसों में 1510 मारे गए थे जबकि वर्ष 2018 में यह संख्या बढ़कर 1604 जा पहुंची।
हादसे पर पीएमओ ने लिया था संज्ञान
इस पर संज्ञान लेते हुए दिसंबर माह में पीएमओ की ओर से डीडीए को इस संबंध में अविलंब समाधान निकालने के निर्देश दिए गए। इस पर एक ओर डीडीए ने एनआइयूए को नीतिगत मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी।
पीएम के संज्ञान के बाद सात विभाग हरकत में आए
वहीं दूसरी ओर दिल्ली के तमाम संबंधित विभागों लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद, दिल्ली मेट्रो, यातायात पुलिस, यूटीपैक और डीएसआइआइडीसी के प्रतिनिधियों संग एक बैठक भी की। इसमें चांदनी चौक की तर्ज पर कुछ इलाकों को केवल पैदल आवागमन के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव भी रखा गया है।