चुनाव प्रचार में मास्क अनिवार्य करने की मांग वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब, केंद्र व EC को भेजा नोटिस
केंद्र सरकार की तरफ से स्टैडिंग काउसंल अनुराग अहलूवालिया ने नोटिस स्वीकार किया। विक्रम सिंह ने कहा कि सख्त आदेश और दिशानिर्देश होने के बावजूद भी कोरोना महामारी के निमयों की अनदेखी कर धड़ल्ले से चुनाव प्रचार चल रहा है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। पश्चिम बंगाल, असम समेत विभिन्न राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में मास्क पहनना अनिवार्य करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्वाचन आयोग व केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह के आवेदन पर मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मुख्य पीठ ने मामले को विक्रम सिंह की मुख्य याचिका के साथ सुनवाई के लिए 30 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया। विक्रम सिंह ने मुख्य याचिका में कोरोना महामारी के नियमों का उल्लंघन करने वाले प्रत्याशियों को अयोग्य घोषित करने व प्रचारकों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
विक्रम सिंह की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता विराग गुप्ता ने पीठ से कहा कि निर्वाचन आयोग को डिजिटल, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से चुनावी राज्यों में मास्क और शारीरिक दूरी के निमयों का अनिवार्य रूप से पालन करने के संबंध में जागरुक करना चाहिए। उन्होंने दलील दी कि जब सभी प्राधिकारी मास्क पहनने पर जोर दे रहे हैं तो यह समझ से परे है कि यह नियम चुनाव प्रचार करने वालों पर क्यों नहीं लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह ताे आम नागरिकों के साथ पूरी तरह से भेदभाव है क्योंकि मास्क नहीं पहनने पर उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है, जबकि राजनेताअों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
केंद्र सरकार की तरफ से स्टैडिंग काउसंल अनुराग अहलूवालिया ने नोटिस स्वीकार किया। विक्रम सिंह ने कहा कि सख्त आदेश और दिशानिर्देश होने के बावजूद भी कोरोना महामारी के निमयों की अनदेखी कर धड़ल्ले से चुनाव प्रचार चल रहा है।