खुशखबरी : अस्‍पतालों का होगा कायाकल्‍प, अब कभी नहीं होगी बेड की समस्‍या

दिल्ली सरकार आठ बड़े अस्पतालों को रि-मॉडल (पुनर्विकसित) करने जा रही है। बेड सहित अन्य सुविधाएं भी बढ़ेंगी। योजना के तहत पुरानी बनी इमारतों का नवीनीकरण किया जाएगा।

By Edited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 08:07 PM (IST) Updated:Sun, 17 Feb 2019 08:25 AM (IST)
खुशखबरी : अस्‍पतालों का होगा कायाकल्‍प, अब कभी नहीं होगी बेड की समस्‍या
खुशखबरी : अस्‍पतालों का होगा कायाकल्‍प, अब कभी नहीं होगी बेड की समस्‍या

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली सरकार आठ बड़े अस्पतालों को रि-मॉडल (पुनर्विकसित) करने जा रही है। बेड सहित अन्य सुविधाएं भी बढ़ेंगी। योजना के तहत पुरानी बनी इमारतों का  नवीनीकरण किया जाएगा। अलग-अलग अस्पताल में जरूरत के हिसाब से नए ब्लॉक बनाए जाएंगे। ट्रामा सेंटर, ओपीडी व मातृ एवं शिशु ब्लॉक बनेंगे। इस योजना को दिल्ली सरकार  की खर्च एवं वित्त समिति ने मंजूरी के बाद कैबिनेट से भी मंजूरी मिल चुकी है। लोक निर्माण विभाग इस योजना पर काम शुरू करने की तैयारी में है। दो अस्पतालों के टेंडर जारी हो गए हैं, जबकि छह अस्पतालों में टेंडर किए जाने की तैयारी चल रही है। 

 क्या है योजना और क्या-क्या होना है काम। डालते हैं मुख्य कार्यो पर एक नजर। 

अरुणा आसफ अली अस्पताल, राजपुर रोड इस अस्पताल में एक अलग टावर बनेगा। बेसमेंट सहित चार मंजिला बनेगी। इसके अलावा वर्तमान इमारत में भी काम होना है। यहां अभी एक सौ बेड हैं। 151 बेड किए जाने हैं। यह कार्य 15 माह में पूरा किया जाना है। 55 करोड़ की राशि खर्च होगी। 10 दिन में टेंडर लगाए जाने हैं।

आचार्य श्री भिक्षु अस्पताल, मोतीनगर इस अस्पताल पर 94.38 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। अभी इस अस्पताल में सौ बेड हैं। इसे बढ़ाकर 370 किया जाएगा। इसके लिए नई आठ मंजिला इमारत बनेगी। मातृ एवं शिशु ब्लॉक बनेगा। एक नया इमरजेंसी ब्लॉक बनेगा। इसके अलावा पुरानी इमारत में भी नवीनीकरण का काम होगा। इसके लिए टेंडर आ चुके हैं। 15 मार्च तक टेंडर अवार्ड होने की संभावना है। काम 15 माह में पूरा किया जाएगा। 

 भगवान महावीर अस्पताल, पीतमपुरा इस अस्पताल पर 173 करोड़ की राशि खर्च होगी। योजना पर 18 माह में पूरा किया जाएगा। पहले से बने चार ब्लॉक में से दो ब्लॉक में एक-एक फ्लोर और बढ़ाना है। एक नई ओपीडी बनाई जानी है। अभी इस अस्पताल में 191 बेड हैं। जिन्हें बढ़ाकर 744 किया जाएगा। ओपीडी के लिए नया ब्लॉक बनाया जाएगा। इसके टेंडर खुल गए हैं। मार्च के अंत तक काम सौंप दिया जाएगा। 

दीपचंद अस्पताल कोकीवाला, अशोक विहार इस अस्पताल में 284 बेड हैं। जिसे बढ़ाकर 565 किया जाएगा। खास बात यह है कि इस अस्पताल में नई इमारत नहीं बन रही है। पुरानी इमारत का ही नवीनीकरण कर बेड क्षमता बढ़ाई जाएगी। इस योजना पर 69 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। योजना पर काम 15 माह में पूरा होगा।

राव तुलाराम मेमोरियल अस्पताल, जाफरपुर इस अस्पताल में एक नया ब्लॉक बनेगा। एक सौ बेड हैं। जिन्हें बढ़ाकर 370 किया जाएगा। योजना पर 86 करोड़ की राशि खर्च की  जाएगी। योजना पर 15 माह में काम पूरा किया जाएगा। बेसमेंट सहित सात मंजिला एक नई इमारत बनेगी। एक ओपीडी ब्लॉक बनेगा। एक सर्विस ब्लॉक बनेगा। इसके लिए टेंडर तैयार हो गए हैं।

संजय गांधी अस्पताल, मंगोलपुरी इस अस्पताल में 300 बेड हैं। जिन्हें बढ़ाकर 362 किया जाएगा। यहां ट्रॉमा सेंटर बनेगा। इसके लिए नई 10 मंजिला इमारत बनेगी। 30 माह में काम पूरा होगा। 118 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी।

बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल, रोहिणी इस अस्पताल पर 194 करोड़ की राशि खर्च होगी। बेसमेंट सहित आठ मंजिला नई इमारत बनेगी। यहां मातृ एवं शिशु के लिए नया ब्लॉक बनेगा। 24 माह में काम पूरा किया जाएगा। टेंडर तैयार हो गए हैं।

गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल, रघुवीर नगर इस अस्पताल पर 172 करोड़ खर्च होंगे। यहां पर 100 बेड हैं। जिन्हें बढ़ाकर 572 किया जाएगा। इसमें तीन नए ब्लॉक बनेंगे। ए-ब्लॉक में बेसमेंट सहित सात मंजिला इमारत बनेगी। ब्लॉक-बी में नौ मंजिला इमारत बनेगी। ब्लॉक-सी में सात मंजिला इमारत बनेगी। यानी कुल मिलाकर यहां 400 बेड बढ़ाए जाएंगे।

सत्येंद्र जैन स्वास्थ्य व लोक निर्माण मंत्री दिल्ली सरकार ने बताया कि हमारा प्रयास अस्पतालों में बेड के साथ-साथ अन्य सुविधाएं बढ़ाना है। दिल्ली में जगह की कमी है। डीडीए भी जगह देने को तैयार नहीं है। ऐसे में पहले से ही चल रहे अस्पतालों को पुनर्विकसित करने की भी योजना बनाई गई है। इसे डेढ़ से दो साल में पूरा कर लिया जाएगा। जनता को बहुत लाभ मिल सकेगा।

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