Kisan Andolan: 15 अक्टूबर की रात को सिंघु बार्डर क्या हुआ था? सामने आना चाहिए असली सच

Kisan Andolan Delhi Singhu Border सिख विद्वानों का मानना है कि निहंगों के व्यवहार से सेवा सदाचार प्रेम व सौम्यता के लिए विख्यात गुरु के शिष्यों को उत्तर देने पड़ रहे हैं। लोग जानना चाहते हैं कि ऐसी क्या बेअदबी की गई थी जिसके नृशंस हत्या की गई।

By Jp YadavEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 10:05 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 10:05 AM (IST)
Kisan Andolan: 15 अक्टूबर की रात को सिंघु बार्डर क्या हुआ था? सामने आना चाहिए असली सच
Kisan Andolan: 15 अक्टूबर की रात को सिंघु बार्डर क्या हुआ था? सामने आना चाहिए असली सच

नई दिल्ली/सोनीपत, जागरण संवाददाता। बेअदबी के जिस आरोप में देश के बर्बर हत्याकांड को सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पर अंजाम दिया गया, उसका कोई साक्ष्य ही नहीं है। यदि लखबीर सिंह ने बेअदबी की थी तो उसका कोई सबूत हत्यारों के पास होना चाहिए था। पुलिस तक को नहीं पता है कि बेअदबी क्या हुई थी? इस पर भी विवाद है कि आरोपितों के अनुसार लखबीर ने जो कुछ भी किया, क्या वह बेअदबी की श्रेणी में आता है? अब देश-दुनिया के सिख धर्मावलंबियों ने भी इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।

उधर, सिख विद्वानों का मानना है कि निहंगों के व्यवहार से सेवा, सदाचार, प्रेम व सौम्यता के लिए विख्यात गुरु के शिष्यों को उत्तर देने पड़ रहे हैं। सिख विद्वानों के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। उनके अनुसार लोग जानना चाहते हैं कि ऐसी क्या बेअदबी की गई थी, जिसके नृशंस हत्या की गई। वहीं हत्या के वीडियो बनाने और उनको वायरल करने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का मानना है कि इसके पीछे कोई गहरी साजिश है, जो उच्चस्तरीय जांच के बाद ही सामने आ सकती है।

जिन तलवारों से काटे गए थे लखबीर के हाथ, पुलिस ने बरामद कीं
देश-दुनिया को हिलाकर रख देने वाले जघन्यतम हत्याकांड में जिन तलवारों से लखबीर का हाथ और पैर काटे गए थे, उन्हें पुलिस ने बरामद कर लिया है। वारदात के बाद आरोपितों ने इन तलवारों से खून साफ करने का प्रयास किया था। पुलिस ने दोनों तलवारों और आरोपितों द्वारा घटना के समय पहने गए कपड़ों को सील कर दिया है। इनको जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा। तलवारों और कपड़ों पर लगे खून से मृतक लखबीर के डीएनए का मिलान किया जाएगा।

लखबीर सिंह की हत्या में चार निहंगों ने सरेंडर किया है। इनमें से सरबजीत और नारायण सिंह ने लखबरी के हाथ-पैर काटकर उसकी हत्या करना स्वीकार किया है, जबकि दो अन्य पर उसको रस्सियों से बांधकर लटकाने का आरोप है। खौफनाक तरीके से हत्या करने के बाद चारों आरोपित भूमिगत हो गए थे। उसके बाद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। सरेंडर के बाद सरबजीत ने पुलिस को एक तलवार सौंपकर उससे हत्या करने की बात कही थी।

पुलिस के विशेषज्ञों की जांच में सामने आया कि उससे हत्या नहीं हुई थी। वह पुलिस को गुमराह कर रहा था। उसके बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो कुंडली में निहंगों के टेंट में सरबजीत की तलवार और खून से सने कपड़े बरामद हो गए। तलवार को वारदात के बाद साफ करने का प्रयास किया गया, लेकिन उस पर खून के धब्बे लगे हैं। सरबजीत ने पुलिस को बताया कि इसी तलवार से उसने लखबीर का हाथ काटा गया था।

वहीं आरोपित नारायण सिंह ने अमृतसर में गिरफ्तार किया था। पुलिस टीम उसको लेने अमृतसर गई थी। वहीं से उसके खून से सने कपड़े और तलवार बरामद कर ली गई। नारायण ने बताया कि उसने अपनी तलवार से लखबीर का पैर काटा था। हैरत की बात यह है कि भारी पुलिस बल होने के बावजूद निहंग नारायण खून सने कपड़े पहने पंजाब भाग गया। उसको कोई देख तक नहीं पाया। सरबजीत के सरेंडर करने के बाद वह अमृतसर में सरेंडर करने जा रहा था।

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