नशे की गिरफ्त में फंसे लोग भेजे जाएंगे नशा मुक्ति केंद्र, कानून में बड़ा बदलाव करने की तैयारी

ड्रग्स या फिर नशीली दवाओं की गिरफ्त में फंसे लोगों को फिलहाल इससे बाहर निकालने के लिए सरकार अब किसी तरह की सख्ती के बजाय सहानुभूति के पक्ष में है। यही वजह है कि वह इससे जुड़े कानून में बदलाव की तैयारी में है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 02:02 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 02:03 PM (IST)
नशे की गिरफ्त में फंसे लोग भेजे जाएंगे नशा मुक्ति केंद्र, कानून में बड़ा बदलाव करने की तैयारी
2014 में सत्ता में आने के बाद से ही नरेन्द्र मोदी सरकार नशे के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़े हुए है।

नई दिल्ली [अरविंद पांडेय]। ड्रग्स या फिर नशीली दवाओं की गिरफ्त में फंसे लोगों को फिलहाल इससे बाहर निकालने के लिए सरकार अब किसी तरह की सख्ती के बजाय सहानुभूति के पक्ष में है। यही वजह है कि वह इससे जुड़े कानून में बदलाव की तैयारी में है। लोगों के पास अपने खुद के इस्तेमाल के लिए यदि सीमित मात्र में ड्रग्स या नशीली दवाएं मिलती भी हैं तो उनके ऊपर अपराधियों जैसा मामला दर्ज नहीं होगा और न ही उन्हें जेल होगी। इसके बदले उन्हें नशा मुक्ति केंद्र भेजा जाएगा।

नशे के खिलाफ देशभर में छेड़ी गई जंग के बीच केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने ड्रग्स या नशीली दवाओं के साथ पकड़े जाने वालों के खिलाफ बनाए गए कानून में बदलाव को लेकर अहम सुझाव दिए हैं। इसमें सबसे अहम सुझाव है कि ड्रग्स या किसी तरह के नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उनके साथ अपराधियों जैसा बर्ताव न किया जाए। ऐसा करने से वे इस दलदल में और फंसते जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि उन्हें इस खराब लत से छुटकारा दिलाया जाए।

मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि कानून में बदलाव के पीछे उसका मकसद यह कतई नहीं है कि जो लोग ड्रग्स या नशीली दवाओं के कारोबार में लगे हैं, उन्हें किसी तरह की मोहलत दी जाए। मंत्रालय का मानना है कि जो लोग इस तरह के कारोबार में लगे हैं, उन्हें और सख्त सजा दी जानी चाहिए। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में इससे जुड़ा एक विधेयक लाने की पूरी योजना है। यह विधेयक राजस्व विभाग की ओर से लाया जाएगा। अगले हफ्ते इसे कैबिनेट में भी भेजे जाने की तैयारी है।

केंद्र सरकार ने छेड़ रखा है नशे के खिलाफ अभियान

2014 में सत्ता में आने के बाद से ही नरेन्द्र मोदी सरकार नशे के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़े हुए है। ड्रग्स की गिरफ्त में गंभीर रूप से फंसे लोगों को इस लत से बाहर निकालने के लिए नशा मुक्ति केंद्र खोले गए हैं। यहां इन लोगों को रखने और इलाज करने की व्यवस्था है। सरकार ने ऐसे लोगों की पहचान के लिए देश के 186 जिलों में एम्स दिल्ली के साथ मिलकर एक सर्वे भी कराया था। इनमें सभी राज्यों के नशे के लिहाज से संवेदनशील जिले शामिल थे।

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