Kisan Agitation का दिल्ली-एनसीआर में होने लगा विरोध, दिल्ली में हिंसा के बाद बदले लोगों के सुर

Delhi Farmers Protest दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर धीरे-धीरे भीड़ छंटने लगी है। टीकरी बॉर्डर पर चूल्हे ठंडे पड़ गए हैं और गाजीपुर यूपी गेट पर नेशनल हाईवे के किनारे पड़े टेंट लोग स्वयं उखाड़ रहे हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 08:51 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 08:51 AM (IST)
Kisan Agitation का दिल्ली-एनसीआर में होने लगा विरोध, दिल्ली में हिंसा के बाद बदले लोगों के सुर
गाजीपुर यूपी गेट पर नेशनल हाईवे के किनारे पड़े टेंट लोग स्वयं उखाड़ रहे हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। गणतंत्र दिवस पर शर्मसार कर देने वाली ¨हसा और उपद्रव की घटनाओं से लोगों में भारी आक्रोश है। कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ दो महीने से आंदोलन कर रहे किसानों का विरोध शुरू हो गया है। रेवाड़ी में कई गांवों के लोगों ने धरने पर बैठे किसानों से सड़क खाली करा ली। ट्रैक्टर परेड से लौट रहे लोगों को हरियाणा के करनाल में स्थानीय नागरिकों के विरोध का सामना करना पड़ा। हालत यह है कि दूर-दूर से आंदोलन के समर्थन में आए भोले-भाले लोग अब घर वापस लौटने लगे हैं। सिंघु बॉर्डर पर भीड़ छंटने लगी है। टीकरी बॉर्डर पर चूल्हे ठंडे पड़ गए हैं और गाजीपुर यूपी गेट पर नेशनल हाईवे के किनारे पड़े टेंट लोग स्वयं उखाड़ रहे हैं।

सिंघु बॉर्डर पर बुधवार शाम संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को घर लौट रहे लोगों को रोकने में पसीने छूट गए। नेताओं ने धर्म और जाति की दुहाई दी, लंबे संघर्ष के वादों का वास्ता दिया, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे। दिल्ली से हरियाणा और पंजाब की ओर लौट रहीं ट्रैक्टर-ट्रालियां बता रही हैं कि किसानों का आंदोलन से मोह टूट गया है। बुधवार सुबह रेवाड़ी जिले के 15 गांवों के लोगों ने डूंगरवास में महापंचायत कर सख्त अंदाज में तेवर दिखाए। इनका असर भी हाथोंहाथ हुआ।

वहीं, रेवाड़ी में शाम होते-होते हाईवे की पश्चिमी लेन पर मसानी बैराज (साहबी पुल) के निकट दो जनवरी से कब्जा जमाए बैठे आंदोलनकारियों ने सड़क खाली कर दी। स्थानीय किसानों व आम लोगों में बढ़ रहे रोष का असर शाहजहांपुर-जयसिंहपुर खेड़ा बार्डर (राजस्थान-हरियाणा सीमा) पर आंदोलनरत किसानों पर भी पड़ता दिख रहा है। ट्रैक्टर रैली के बाद यहां पर भी भीड़ छंटने लगी है। दिल्ली-उप्र की सीमा पर हाईवे पर बैठे किसानों के खिलाफ ट्रांस हिंडन के लोगों ने गुस्सा जाहिर किया। लोगों का कहना है कि जब किसानों के बीच उपद्रवी छिपे हैं तो सभी को सड़क से हटाना चाहिए।

दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले टीकरी बॉर्डर का नजारा बदला-बदला दिखा। दो महीने से आंदोलन में खाना-पानी की मदद कर रहे लोगों ने अपने हाथ खींचने शुरू कर दिए हैं। पूछने पर कहा कि लाल किले पर उत्पात और तिरंगे के अपमान ने दिल तोड़ दिया। इसलिए दो माह से जल रहे चूल्हे ठंडे पड़े दिखे। वहीं, पंडित श्रीराम शर्मा मेट्रो स्टेशन के नजदीक हरियाणा के किसानों का तंबू लगा हुआ था। यहां हर रोज लोकगीतों से किसानों में जोश भरा जा रहा था। बुधवार को तंबू नहीं थे। वहां पर खड़ी ट्राली में बैठे पंजाब के एक किसान ने बताया कि हरियाणा वाले चले गए, मगर कहां गए, यह नहीं मालूम।

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