प्राचीन हनुमान मंदिर के पास शराब का ठेका खोलने के विरोध में उतरे लोग
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हनुमान मंदिर के पास शराब ठेका खोला जा रहा है जिसे हम किसी तरह से भी खुलने नहीं दे रहे हैं। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के विरोध में कई जगह आवाज उठ रही हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के विरोध में चांदनी चौक में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया के चेयरमैन राहुल शर्मा के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया। इसमें व्यापारी और स्थानीय लोग भी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हनुमान मंदिर के पास शराब ठेका खोला जा रहा है, जिसे हम किसी तरह से भी खुलने नहीं देंगे।
राहुल शर्मा ने बताया कि एक तरफ अरविंद केजरीवाल चुनाव के समय हनुमान मंदिर जाकर अपने आप को हनुमान भक्त बताते हैं और दूसरी ओर चांदनी चौक के प्राचीन हनुमान मंदिर से महज 10 मीटर की दूरी पर ही शराब का ठेका खुलवा रहे हैं। शर्मा कहा कि मंदिर के नजदीक ठेका खुलने से धार्मिक भावना आहत होगी। आसपास के दुकानदारों के व्यापार पर भी असर होगा। यहां पास में ही स्कूल है। इससे बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा। सड़क पर असामाजिक तत्व का जमावड़ा लगने से माहौल खराब होगा और महिलाओं की सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल खड़ा होगा। प्रदर्शन में राम नरेश मुदगल, राजेश मारवाह, अशोक कुमार, राजपाल महेश पोद्दार, अशोक तुलसियान, आदेश मंगल और स्थानीय निवासी शामिल रहे।
वहीं, बाहरी दिल्ली में भी नई आबकारी नीति के तहत शुरू होने वाली शराब की दुकानों को लेकर दिल्ली के दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में विरोध किया जा रहा है। कहीं पर यह विरोध दुकान के बाहर खाना बनाकर किया जा रहा है तो कहीं भजन-कीर्तन करके। मजलिस पार्क आरडब्ल्यूए व आदर्श नगर एक्सटेंशन आरडब्ल्यूए की ओर से भी खीरपुर वार्ड की केवल पार्क की गढ़वाल बेकरी के पास इलाके में खुली शराब की दुकान का विरोध कर इसे बंद करने की मांग की गई।
आदर्श नगर एक्सटेंशन आरडब्ल्यूए के एक्जीक्यूटिव मेंबर नवीन जैन ने बताया कि सरकार की ओर से रिहायशी इलाके में शराब की दुकान खोली जा रही है। दुकान के आसपास मंदिर हैं और 200 मीटर पर बच्चों का स्कूल है। यहां पर डाक्टर व बेकरी की दुकान होने की वजह से बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों की भीड़ लगी रहती है। यहां पर शराब की दुकान खुलती है तो इससे महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होंगे। उन्होंने कहा कि शराब की दुकान खोलने से पहले सर्वे करवाना चाहिए था। यहां आरडब्ल्यूए के प्रधान सुरेश कुमार गोयल भी मौजूद रहे।