नजफगढ़ में पश्चिमी कैंपस के निर्माण के लिए लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन

प्रदर्शन में शामिल नजफगढ़ विकास मंच के समन्वयक संजीव कुमार ने बताया कि 1989 में ग्राम पंचायत ने दिल्ली विश्वविद्यालय को कालेज के निर्माण के लिए 99 वर्ष के लिए पट्टे पर दी गई थी। 32 वर्ष बीत चुके हैं और अभी तक कालेज का कुछ अता-पता नहीं है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 07:22 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 07:22 PM (IST)
नजफगढ़ में पश्चिमी कैंपस के निर्माण के लिए लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
1989 में ग्राम पंचायत ने दिल्ली विश्वविद्यालय को पट्टे पर दी थी 16.35 एकड़ जमीन।

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। नजफगढ़ स्थित रोशनपुरा में पश्चिमी कैंपस के निर्माण को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के ढुलमुल रवैये के खिलाफ रविवार को लोगों ने प्रदर्शन कर अपना रोष प्रकट किया। लोगों ने कहा कि अगस्त 2019 में हाइकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय को चार साल के भीतर पश्चिमी कैंपस के निर्माण की बात कहीं थी, पर दो वर्ष पूरे हो चुके हैं? और अभी तक कैंपस की नींव तक नहीं रखी गई है। हालांकि बृहस्पतिवार को विद्यार्थी सुविधा केंद्र की नींव जरूर रखी गई, जो सराहनीय है पर 16.35 एकड़ जमीन कैंपस बनाने का वादा अभी तक पूरा क्यों नहीं हुआ है?

प्रदर्शन में शामिल नजफगढ़ विकास मंच के समन्वयक संजीव कुमार ने बताया कि 1989 में ग्राम पंचायत ने दिल्ली विश्वविद्यालय को कालेज के निर्माण के लिए 99 वर्ष के लिए पट्टे पर दी गई थी। 32 वर्ष बीत चुके हैं और अभी तक कालेज का कुछ अता-पता नहीं है। इस मुद्दे को हाइकोर्ट में रखा गया, तब कोर्ट ने आर्डर जारी कर चार वर्षाें के भीतर पश्चिमी कैंपस को शुरू करने की बात कहीं थी। साथ ही मुख्य सड़क से कैंपस की कनेक्टिविटी के लिए जिला प्रशासन व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को कार्यभार सौंपा था।

दोनों ही एजेंसियों ने अपनी जिम्मेदारियों को भलीभांति समझा और कैंपस की मुख्य सड़क से कनेक्टिविटी के लिए सड़क के अधिग्रहण से जुड़ा कार्य कर लिया है। पर दो वर्ष बीत जाने के बाद भी दिल्ली विश्वविद्यालय के स्तर पर कोई कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है। पदाधिकारियों का कहना हैं कि उनके पास कैंपस के निर्माण के लिए पर्याप्त बजट नहीं है, जैसे ही बजट मिलेगा काम शुरू कर दिया जाएगा।

संजीव कुमार ने बताया कि रोशनपुरा में पश्चिमी कैंपस बनने से भविष्य में विद्यार्थियों को काफी सहूलियत होगी। पश्चिमी व दक्षिण-पश्चिमी जिले के साथ नजफगढ़ बार्डर से सटे हरियाणा के विद्यार्थियों को भी इसका लाभ मिलेगा, क्योंकि उन्हें अभी दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़े किसी भी कार्य के लिए दक्षिणी व उत्तरी कैंपस का रुख करना पड़ता है। दिल्ली की व्यस्त सड़कों पर लंबी दूरी तय कर इन कैंपस में जाने में अभी विद्यार्थियों का काफी समय बर्बाद होता है। ऐसे में पश्चिमी कैंपस बनने से उनके समय की बचत होगी, साथ ही नजफगढ़ के युवा उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित होंगे।

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