एयरपोर्ट पर यात्रियों को दिखानी होगी आरटीपीसीआर जांच, दिशा-निदेर्शों की जानकारी नहीं मिलने पर यात्रियों का टूट रहा सब्र
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ) पर जोखिम श्रेणी वाले देशों से आ रहे यात्रियों को आरटीपीसीआर जांच के नतीजे सामने आने के बाद ही निकलने की अनुमति है लेकिन इन देशों के यात्रियों को जब नए दिशानिर्देश की जानकारी मिलती है तो वे बिफर पड़ते हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना के नए वैरिएंट के बाद सरकार की ओर जारी दिशा-निर्देशों को देखते हुए अब इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ) पर जोखिम श्रेणी वाले देशों से आ रहे यात्रियों को आरटीपीसीआर जांच के नतीजे सामने आने के बाद ही निकलने की अनुमति है, लेकिन इन देशों के यात्रियों को जब नए दिशानिर्देश की जानकारी मिलती है तो वे बिफर पड़ते हैं।
प्रशासन के लिए ऐसे यात्रियों को समझाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। जो यात्री जांच के लिए रैपिड जांच का विकल्प चुनते हैं, उन्हें तो नतीजे के लिए अधिकतम एक घंटे का इंतजार करना पड़ता है लेकिन जो केवल आरटीपीसीआर का विकल्प लेते हैं, उनके लिए इंतजार करना कठिन साबित हो रहा है। एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक अभी रोजाना करीब 1500 सैंपल जांच के लिए जा रहे हैं।
जिन 12 देशों में कोरोना के नए वैरिएंट के मामले सामने आने के बाद जोखिम श्रेणी वाले देश में शामिल किया गया है, वहां से आ रहे यात्रियों को तभी निकलने दिया जा रहा है, जब उनकी आरटीपीसीआर जांच की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। इससे पूर्व यह नियम केवल दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना व हांगकांग से आ रहे यात्रियों पर ही लागू था।
यात्रियों के अपने तर्क : जोखिम श्रेणी में आने वाले देशों से लौट रहे कई लोगों को अभी तक भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के बार में जानकारी नहीं है। ऐसे यात्रियों को जब यह पता चलता है कि अब यहां उन्हें आरटीपीसीआर जांच के नतीजे सामने आने के बाद ही निकलने को मिलेगा, वे गुस्से में आ जाते हैं। वे अधिकारियों को कहते हैं, वे जिस देश से आ रहे हैं, वहां उनकी आरटीपीसीआर जांच पहले ही की जा चुकी है।
कई यात्री टीकाकरण प्रमाणपत्र प्रशासन के अधिकारियों को दिखाते हुए कहते हैं कि वे अब सुरक्षित हैं। उन्हें अब यहां जांच की कोई जरूरत नहीं है। कई यात्री तो प्रशासनिक अधिकारियों पर गुस्सा उतारते हुए उनसे बहस करने लगते हैं। लेकिन प्रशासन के अधिकारी यात्रियों को बड़े धैर्य के समझाते हैं ताकि उनका गुस्सा शांत हो।