School Re-Open News: स्कूल में बच्चा जाए या नहीं, मर्जी होगी दिल्ली के पैरेंट्स की

Delhi School Re-Open News उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से साफ-साफ कहा गया है कि स्कूल खुलने पर किसी भी पेरेंट्स को अपने बच्चे को स्कूल भेजने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही पढ़ाई ब्लेंडेड मोड में होगी यानी फिजिकल और आनलाइन दोनों साथ चल सकेंगे।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 01:53 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 01:53 PM (IST)
School Re-Open News: स्कूल में बच्चा जाए या नहीं, मर्जी होगी दिल्ली के पैरेंट्स की
School Re-Open News: स्कूल में बच्चा जाए या नहीं, मर्जी होगी दिल्ली के पैरेंट्स की

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पूरे डेढ साल बाद दिल्ली में पहली से लेकर 12वीं तक स्कूल खोले जा रहे हैं। हालांकि, 9वीं से 12वीं तक स्कूल पिछले कुछ महीने से खोले जा रहे हैं और आगामी 1 नवंबर से दिल्ली में पहली कक्षा से 8वीं तक के स्कूलों को खोलने की अनुमति मिल गई है। बावजूद इसके स्कूल खुलने पर आपका बच्चा स्कूल जाए या नहीं? दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने यह फैसला अभिभावकों पर ही छोड़ दिया है। कोरोना के खतरे और प्रभाव के चलते उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से साफ-साफ कहा गया है कि स्कूल खुलने पर किसी भी पेरेंट्स को अपने बच्चे को स्कूल भेजने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, पढ़ाई ब्लेंडेड मोड में होगी, यानी फिजिकल और आनलाइन दोनों साथ चल सकेंगे। कहने का मतलब अगर कोई अभिभावक घर पर ही अपने बच्चे को पढ़ाना चाहेगा तो उसे इसकी अनुमति होगी। उसे स्कूल को आनलाइन की सुविधा देनी होगी।

इच्छुक पैरेंट्स भेज सकेंगे अपने बच्चों को स्कूल

दिल्ली सरकार की ओर से प्रावधान किया गया है कि माता-पिता ही तय करेंगे कि उनका बच्चा स्कूल जाए या नहीं? क्योंकि आनलाइन क्लास का विकल्प रखा गया है। ऐसे में अगर कोई अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहता है तो उसे इस बाबत लिखकर देना होगा। 

जानिये, फैसले की खास बातें

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सभी कक्षाओं के स्कूल 1 नवंबर (सोमवार) से खुल जाएंगे सभी तरह की कक्षा के बच्चों के लिए स्कूल खोले जाएंगे स्कूल खुलने पर किसी भी अभिभावक को अपने बच्चे को स्कूल भेजने के लिए जोर नहीं डाला जाएगा पढ़ाई ब्लेंडेड मोड में होगी, ऐसे में फिजिकल और आनलाइन दोनों कक्षाएं साथ-साथ चलेंगीं एक बार में कक्षा में सिर्फ 50 फीसद छात्र-छात्राओं को ही बुलाया जा सकेगा स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी कि उसके सभी कर्मचारियों को वैक्सीन लग चुकी हो

कुछ अभिभावक नहीं भेजना चाहते अपने बच्चों को

दिल्ली ही नहीं, एनसीआर के शहरों में भी बड़ी संख्या में ऐसे अभिभावक हैं, जो अपने बच्चों को कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के मद्देनजर स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम समेत एनसीआर के शहरों में 12वीं तक स्कूल खुले गए हैं, लेकिन पैरेंट्स पूरी तरह से अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। 

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