Pakistan Spies: टारगेट को जाल में फंसाने के लिए पाकिस्तानी जासूसों ने चली थी 'खतरनाक चाल'

Pakistan Spies लिस सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में जांच एजेंसियों को पता चला था कि जासूसों ने संवेदनशील सूचनाएं लेने के लिए सात लोगों से बेहद करीबी रिश्ते बना लिए थे।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 11:40 AM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 11:55 AM (IST)
Pakistan Spies: टारगेट को जाल में फंसाने के लिए पाकिस्तानी जासूसों ने चली थी 'खतरनाक चाल'
Pakistan Spies: टारगेट को जाल में फंसाने के लिए पाकिस्तानी जासूसों ने चली थी 'खतरनाक चाल'

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। Pakistan Spies: पाकिस्तानी जासूसों का मामला सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल जल्द ही कुछ और लोगों से पूछताछ कर सकती है। इस बीच जांच में कई रोचक और अहम खुलासे भी हो रहे हैं। वहीं, पाकिस्तानी जासूसों के दो जानकारों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पूछताछ की है। इन दोनों से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि जासूसों ने अब तक किन दस्तावेजों का पता लगाया था। इसके अलावा किन लोगों से उनके करीबी संबंध हैं।

सीडीआर के जरिये सबूत जुटा रही पुलिस

पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में जांच एजेंसियों को पता चला था कि जासूसों ने संवेदनशील सूचनाएं लेने के लिए सात लोगों से बेहद करीबी रिश्ते बना लिए थे। इनमें रेलवे कर्मी के अलावा सेना के निचले स्तर के लोग शामिल हैं। अब पुलिस दोनों जासूसों और उसके ड्राइवर के फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के माध्यम से यह पता लगाने में जुटी है कि जासूसों की बातें किन लोगों से होती थीं।

इंटरनेट कॉलिंग का इस्तेमाल करते थे जासूस

अब तक की पूछताछ में पता चला है कि जासूस सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए इंटरनेट कॉलिंग का इस्तेमाल करते थे। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ जासूसों को ऐसे लोगों के नाम व पता बताती थी। जिनसे महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके। टारगेट को जाल में फंसाने के लिए पार्टी और गिफ्ट के लिए मोटी रकम भी दी जाती थी। ऐसे लोगों की स्पेशल सेल ने सूची बरामद की है, जिनसे जल्द पूछताछ की जाएगी।

गौरतलब है कि इसी रविवार को करोलबाग इलाके से पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत आबिद और उसके सहयोगी मुहम्मद ताहिर को दिल्ली पुलिस ने दबोचा था। दोनों पाकिस्तानी आका के निर्देश पर जासूसी कर रहे थे। इसके बाद दोनों को भारत से वापस पाकिस्तान भेज दिया गया था। बता दें कि यह पहला मामला नहीं है, बल्कि पाकिस्तान का ISI संगठन लगातार भारत में जासूसी कराने की कोशिश में लगा रहता है।

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