दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के सामने कार में कई दिनों तक रहा साइंटिस्ट, पुलिस रही बेखबर

मामला सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस व अन्य एजेंसियों ने विज्ञानी से संयुक्त रूप से कई घंटों तक पूछताछ की। पुलिस अधिकारी का कहना है कि मामले में लापरवाही बरतने के चलते बीट अधिकारी को निलंबित किया गया है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 08:29 AM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 09:01 AM (IST)
दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के सामने कार में कई दिनों तक रहा साइंटिस्ट, पुलिस रही बेखबर
दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के सामने कार में रहा साइंटिस्ट, पुलिस रही बेखबर

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश की राजधानी दिल्ली में अति सुरक्षित माने जाने वाले इलाकों में से एक चाणक्यपुरी में सुरक्षा में सेंध का मामला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने चेन्नई से दिल्ली आए एक विज्ञानी पाकिस्तान उच्चायोग के ठीक सामने कई दिनों तक कार में रहे और  दिल्ली पुलिस को इस बारे में मंगलवार को पता चला।

कार में 3-4 दिन तक अकेले रहे पाकिस्तान के विज्ञानी

जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान उच्चायोग के सामने चेन्नई से आए विज्ञानी अपनी इनोवा कार में वहां पर तीन-चार दिनों तक अकेले रहे। हैरानी की बात है कि दिल्ली पुलिस के किसी जवान ने कार के बारे में जानकारी लेने की जहमत तक नहीं उठाया, जबकि 90 घंटे से अधिक समय तक यह एक ही अवस्था में खड़ी रही। बावजूद इसके कि यह इलाके सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है।

मामला सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस व अन्य एजेंसियों ने विज्ञानी से संयुक्त रूप से कई घंटों तक पूछताछ की। पुलिस अधिकारी का कहना है कि विज्ञानी मानसिक रूप से कमजोर है। उन्हें स्वजन को सौंप दिया गया है। इस मामले में लापरवाही बरतने के चलते बीट अधिकारी को निलंबित किया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि चेन्नई निवासी 40 वर्षीय गोपाल कृष्णन नेहरू पार्क की पार्किंग में कार में तीन चार दिन रहे। वहां पास में पाक उच्चायोग समेत कई देशों के दूतावास हैं।

पूछताछ में गोपाल कृष्णन ने बताया कि उन्होंने साल 2012 में अमेरिका गए थे, जहां सुरक्षा एजेंसियों ने उनके शरीर में चिप डाल दी थी। इससे उनके शरीर में परेशानी होती है। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भी लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला तो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए दिल्ली आए थे। उन्होंने दक्षिणी दिल्ली में एक होटल में कमरा भी लिया हुआ था। कार में वह हेलमेट लगाकर रहते थे। गोपाल कृष्णन के मन में होटल की इमारत गिरने का भय था और इस वजह से कार में रहे।

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