Oxygen प्लांट बंद होने से अस्पताल में हाहाकार, रोने लगे रिश्तेदार, बोले- आंखों के सामने मरता नहीं देख सकते
Oxygen Crisis in Delhi प्रशासन को ऑक्सीजन खत्म होने की सूचना है लेकिन व्यवस्था कब और कैसे होगी यह कोई नहीं बता रहा है। तीमारदारों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है कुछ तीमारदार अपने कंधों पर सिलेंडर लेकर लड़खड़ाते हुए कदमों से अस्पताल में जाते हुए दिखे।
नई दिल्ली, शुजाउद्दीन। दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी बीतते हर घंटे के साथ बढ़ती ही जा रही है। इसका ताजा उदाहरण है कड़कड़ी मोड स्थित कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित शांति मुकुंद अस्पताल में गुरुवार शाम ऑक्सीजन प्लांट का बंद होना। दोपहर को यह बंद हो गया। प्लांट बंद होने से मरीजों की जान आफत में आ गई है। अस्पताल प्रबंधन ने बड़ी ही मुश्किल से फरीदाबाद से दस ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाएं हैं। इसके साथ ही अस्पताल ने गेट पर लिख दिया है अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं है, मरीज भर्ती नहीं होंगे। जो मरीज भर्ती हैं उनके तीमारदारों से कहा है कि है या तो ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करें या फिर अपने मरीज को किसी दूसरे अस्पताल में लेकर चले जाएं।
रो-रोकर बुरा हाल
तीमारदार दिन भर में सिलेंडर तलाश रहे हैं, ताकि उनका मरीज जीवित रह सके। ऑक्सीजन प्लांट बंद होने पर और ऑक्सीजन की व्यवस्था न होने पर अस्पताल के सीइओ सुनील कुमार तीमारदारों के सामने फूट-फूटकर रोने लगे। कहने लगे इस तरह से मरीजों को मरते हुए नहीं देख सकता, मजबूर हूं कहीं से भी ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। तीमारदारों का भी रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है, अस्पताल में पुलिस पहुंच हुई है।
तीमारदार कंधों पर ले जा रहे सिलेंडर
सरकार से लेकर प्रशासन तक को ऑक्सीजन खत्म होने की सूचना है, लेकिन व्यवस्था कब और कैसे होगी, यह कोई नहीं बता रहा है। तीमारदारों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है। कुछ तीमारदार अपने कंधों पर सिलेंडर लेकर लड़खड़ाते हुए कदमों से अस्पताल में जाते हुए दिखे।
110 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती
अस्पताल प्रशासन का कहना है अस्पताल 200 बेड का है, इसमें 110 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं। जो दूसरे भर्ती हैं, वह भी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। 12 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। इस वक्त अस्पताल को 2300 किलोग्राम ऑक्सीजन की जरूरत है। अगर कुछ देर में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, तो मरीजों की छुट्टी करनी पड़ेगी।