Oxygen Crisis in Delhi: परिस्थिति बदली अब बेड है पर नहीं है आक्सीजन

द्वारका सेक्टर-9 स्थित डीडीए सामुदायिक भवन में भी बेड की संख्या दस से बढ़ाकर 40 कर दी गई है। अब जब बेड की पर्याप्त व्यवस्था हो गई है तो आक्सीजन की कमी के कारण बेड पर भर्ती का सिलसिला थम गया है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 07:59 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 07:59 PM (IST)
Oxygen Crisis in Delhi: परिस्थिति बदली अब बेड है पर नहीं है आक्सीजन
परिस्थिति बदली अब बेड है पर नहीं है आक्सीजन।

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। एक सप्ताह पूर्व बेड को लेकर मरीजाें में मारामारी की स्थिति थी और अब जब बेड की पर्याप्त व्यवस्था हो चुकी है तो आक्सीजन की कमी के कारण बेड खाली पड़े है। असल में आइसीयू बेड भले ही अस्पतालों में खाली नहीं है, पर आइसोलेशन बेड की फिलहाल कहीं कोई कमी नहीं है। प्रशासन द्वारा निगम स्कूल, होटल व सामुदायिक भवन में भरपूर बेड की व्यवस्था कर दी है। इसके अलावा सोमवार से जनकपुरी स्थित अतिविशिष्ट अस्पताल में 100 बेड की सुविधा शुरू होने जा रही है।

द्वारका सेक्टर-9 स्थित डीडीए सामुदायिक भवन में भी बेड की संख्या दस से बढ़ाकर 40 कर दी गई है। अब जब बेड की पर्याप्त व्यवस्था हो गई है तो आक्सीजन की कमी के कारण बेड पर भर्ती का सिलसिला थम गया है। आलम यह है कि क्षेत्र के किसी भी अस्पताल में नए मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है।

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उनके पास आक्सीजन नहीं है, ऐसे में वे नए मरीज को भर्ती कर उनके जीवन के साथ कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तिलक नगर स्थित निगम अस्पताल में एक सप्ताह पूर्व 100 बेड का आइसोलेशन सेंटर शुरू किया गया था और यहां 80 से अधिक बेड खाली पड़े है। पश्चिम विहार स्थित बालाजी अस्पताल की बात करें तो यहां भी आइसोलेशन बेड खाली है।

क्षेत्र के छोटे अस्पतालों की चर्चा करें तो वे मरीज को इसी शर्त पर भर्ती कर रहे है कि वे आक्सीजन सिलेंडर का अपने स्तर पर प्रबंध करेंगे। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि बिना आक्सीजन के प्रशासन द्वारा जगह-जगह बेड की, की गई व्यवस्था व्यर्थ है। आलम यह है कि अभी तक जिन-जिन सामुदायिक भवन व निगम स्कूलों में बेड की व्यवस्था की गई थी, वे सभी खाली पड़े है।

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