Laxman Singh: दिल्ली हाई कोर्ट का हस्तक्षेप भी नहीं दिला सका लक्ष्मण की उखड़ती सासों को ऑक्सीजन

Coronavirus infected Laxman Singh कोर्ट ने दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल राहुल मेहरा व अधिवक्ता सत्यकाम से कहा कि बेड दिलाने में मदद करें। अदालती आदेश भी लक्ष्मण सिंह को टूटती सांसों को ऑक्सीजन नहीं दे सका और आदेश के एक घंटे के अंदर ही उनकी माैत हो गई।

By Jp YadavEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 11:35 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 06:24 PM (IST)
Laxman Singh: दिल्ली हाई कोर्ट का हस्तक्षेप भी नहीं दिला सका लक्ष्मण की उखड़ती सासों को ऑक्सीजन
Coronavirus infected Laxman Singh Died: लक्ष्मण सिंह की टूटती सासों को दिल्ली HC का आदेश भी नहीं दिला सका ऑक्सीजन

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। ऑक्सीजन स्तर 40 आने पर वेंटिलेटर बेड उपलब्ध कराने की फरियाद लेकर अदालत पहुंचे लक्ष्मण सिंह की उखड़ती सांसों को हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद भी ऑक्सीजन नहीं मिल सका। अदालत ने दिल्ली सरकार का कहा था कि मरीज को आइसीयू-वेंटिलेटर बेड उपलब्ध कराने के मामले को देखें। हालांकि, न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने इस बाबत कोई आदेश या निर्देश देने से इन्कार करते हुए स्पष्ट किया था कि सिर्फ इसलिए कि अदालत ने यह आदेश दिया है याचिकाकर्ता को कोई अधिमान्य अधिकार नहीं मिल जाता। ऐसे में अदालत आने के आधार पर याची के लिए आदेश जारी करना सही नहीं होगा, क्योंकि कई और लाेग इसे लेकर अदालत आएंगे।

बृहस्पतिवार शाम करीब साढ़े चार बजे अदालत के हस्तक्षेप से लक्ष्मण सिंह के परिजनों को मदद की उम्मीद थी और अधिकारियों से संपर्क कर रहे थे, लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली। आखिरकार शाम करीब साढ़े पांच बजे लक्ष्मण सिंह ने दम तोड़ दिया। उत्तम नगर के हस्तसाल गांव के निवासी लक्ष्मण सिंह पेशे से ड्राइवर थे। उनके अधिवक्ता मनोज कुमार गहलोत ने बताया कि इस संबंध में दिल्ली सरकार के अधिकारियों से मदद मांगी गई, लेकिन उन्होंने कहा कि बेड उपलब्ध नहीं है।

अधिवक्ता मनोज कुमार गहलोत ने बताया कि विकास नगर स्थित हार्दिक अस्पताल में लक्ष्मण का इलाज चल रहा था। पांच मई को उनकी तबियत ज्यादा खराब हो गई और ऑक्सीजन स्तर 40 आ गया। इसके बाद उन्होंने आसीयू-वेंटिलेटर बेड के लिए महावीर अस्पताल, डीडीयू अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, एलएनजेपी अस्प्ताल, श्रीगंगाराम अस्पताल और बीएल कपूर अस्पताल में संपर्क किया, लेकिन कहीं भी बेड नहीं मिला। अदालत से बेड मिलने की उम्मीद में याची ने उनसे संपर्क किया। उन्होंने बृहस्पतिवार को याचिका दायर की और हाई कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए याची को बेड उपलब्ध कराने में मदद करने के लिए दिल्ली सरकार को कहा। उन्होंने कहा कि हालांकि इसके बावजूद हम लक्ष्मण सिंह की जान नहीं बचा सके।

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चिकित्सा के बुनियादी ढांचे पर हाई कोर्ट ने की थी तल्ख टिप्पणी

न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा था कि लोगों की जान बचाने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा प्रदान करने के राज्य के दायित्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। कोरोना महामारी के परीक्षण के दौरान राज्य के मौजूदा बुनियादी चिकित्सा ढांचे की पोल खुल गई है। हम याचिकाकर्ता से यह कहकर मुंह नहीं फेर सकते कि राज्य में बुनियादी ढांचा नहीं है।

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